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ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

सागर में अलसी अनुसंधान ने दिलाई किसानों को नई पहचान!!

  कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में सागर स्थित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र , भोपाल रोड , पिछले एक दशक से अलसी अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह केंद्र जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित होता है और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ( ICAR) द्वारा वित्तपोषित अखिल भारतीय समन्वित अलसी अनुसंधान परियोजना का हिस्सा है। परियोजना की समीक्षा एवं मॉनिटरिंग: फरवरी 4-5, 2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान , हैदराबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिकों , डॉ. जवाहरलाल एवं डॉ. दिव्या अंबाती द्वारा परियोजना की समीक्षा एवं मॉनिटरिंग की गई। इस दौरान उन्होंने किसानों के खेतों में भ्रमण कर ' सीड हब परियोजना ' के अंतर्गत किसानों द्वारा बीज उत्पादन और अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के कार्यों का निरीक्षण किया एवं किसानों से संवाद स्थापित किया। अलसी अनुसंधान में सागर की भूमिका: सागर में संचालित अलसी अनुसंधान परियोजना पिछले 10 वर्षों से भारत में अलसी अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। इस केंद्र के वैज्ञानिकों को अनुसंधान , नवीन प्रजातिय...

Auto Expo 2025: ई-मोबिलिटी और स्मार्ट व्हीकल्स का संगम!!

मध्यप्रदेश , अपनी सुदृढ़ नीतियों , अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और निवेशक अनुकूल वातावरण के कारण , भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक के रूप में उभर रहा है। 'Global Investors Summit-2025' प्रदेश में केवल निवेश का द्वार ही नहीं खोल रहा , बल्कि ऑटोमोबाइल और ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में अनगिनत अवसर प्रदान कर रहा है। इस समिट के दौरान आयोजित Auto Expo ने प्रदेश में ऑटोमोबाइल उद्योग के विस्तार की व्यापक संभावनाओं को उजागर किया है। मध्यप्रदेश: ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक आदर्श गंतव्य मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति , विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर , कुशल मानव संसाधन और स्थिर सरकार इसे ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक उपयुक्त गंतव्य बनाते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएँ और सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। Auto Expo क्या है ? Auto Expo एक ऐसा मंच है जहाँ ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ी कंपनियाँ अपने नए प्रोडक्ट्स , टेक्नोलॉजी , और इनोवेशन को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करती हैं। यह आयोजन मुख्य रूप से दो हिस्सों में विभाजित होता है: Auto Expo - Moto...

अडानी ग्रुप का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में 2.10 लाख करोड़ रुपये का मेगा निवेश ऐलान!!

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में प्रसिद्ध उद्योगपति श्री गौतम अडानी ने भाग लिया। इस समिट में उनकी उपस्थिति ने राज्य में निवेश की संभावनाओं को नया आयाम दिया। अडानी ने उद्योग और व्यापार क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलने की प्रतिबद्धता जताई , जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। अडानी ग्रुप की निवेश योजना ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान अडानी ग्रुप ने 2 ,10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की , जिससे एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। इस निवेश का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा , सीमेंट उत्पादन , खाद्य प्रसंस्करण , और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क जैसी विभिन्न परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। यह निवेश 2030 तक लगभग 1.2 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन करेगा , जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। इसके अतिरिक्त , अडानी ग्रुप ने गुना और शिवपुरी जिलों में 3,500 करोड़ रुपये की लागत से सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट और प्रोपेलेंट निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे राज्य के बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास होगा और स्थानीय ...

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: 24-25 फरवरी मध्यप्रदेश में "अनंत संभावनाओं" का निवेश महाकुंभ!!

मध्यप्रदेश में निवेश और विकास की नई ऊँचाइयों को छूने के उद्देश्य से आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 की भव्य शुरुआत हुई। इस समिट की थीम " अनंत संभावनाएं" सिर्फ एक विचार नहीं , बल्कि प्रदेश में मौजूद निवेश और उद्योग की असीम संभावनाओं को प्रदर्शित करने वाला एक व्यापक दृष्टिकोण है। P rimary Source- Stackumbrella भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ , अनंत संभावनाओं की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय आज एक ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनने जा रही है , जहां माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा " ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट" का भव्य शुभारंभ होगा। इस दो दिवसीय समिट का उद्देश्य प्रदेश को निवेश और उद्योग के नए केंद्र के रूप में स्थापित करना है , जिससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने संबोधन में कहा , " भारत के विकसित भविष्य में तीन सेक्टर्स की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है। ये तीनों सेक्टर्स , करोड़ों नई नौकरियां पैदा करने वाले हैं। ये ...

अलसी के डंठल: कृषि से वस्त्र उद्योग तक का सफर!!

भारत में कृषि न केवल खाद्य सुरक्षा का माध्यम है , बल्कि ग्रामीण आजीविका का एक महत्वपूर्ण आधार भी है। इस दिशा में एक अनूठी पहल करते हुए सिजेन्टा फाउंडेशन ने अलसी के डंठलों के नवाचारपूर्ण उपयोग की दिशा में कदम बढ़ाया है। आमतौर पर फसल कटाई के बाद अलसी के डंठलों को जलावन के रूप में उपयोग किया जाता था , लेकिन अब यह डंठल वस्त्र उद्योग के लिए बहुमूल्य संसाधन बनेंगे। सिजेन्टा फाउंडेशन की पहल सिजेन्टा फाउंडेशन ने मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन के साथ एक समझौता किया है , जिसके तहत अलसी के डंठलों को उचित मूल्य पर किसानों से खरीदा जाएगा। इससे न केवल किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी , बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। इस पहल के माध्यम से कृषि अवशेषों का व्यावसायिक उपयोग बढ़ेगा , जिससे संसाधनों की बर्बादी रुकेगी और एक नई अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा। महिला सशक्तिकरण में योगदान सिजेन्टा फाउंडेशन ने आजीविका मिशन समूहों के माध्यम से 512 महिलाओं को कृषि उद्यमी के रूप में आत्मनिर्भर बनाया है। यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की ...

Lake View Residency, Bhopal को लीज पर देने का फैसला, होटल सेक्टर में नए निवेश की उम्मीद!!

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण पर्यटन संपत्तियों के विकास और आधुनिक प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंत्रि-परिषद ने लेक व्यू रेसीडेंसी होटल , भोपाल को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत 60 वर्षों की लीज पर दिए जाने का अनुमोदन प्रदान किया है। इस लीज अवधि को आपसी सहमति से समान शर्तों पर एक बार में 10 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा। नीतिगत निर्णय एवं लीज विस्तार निर्णय के अनुसार , होटल लेक व्यू रेसीडेंसी , भोपाल की मध्यप्रदेश होटल कार्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएचसीएल) के पक्ष में कलेक्टर भोपाल द्वारा निष्पादित श्यामला हिल्स स्थित खसरा क्रमांक 21/3 में से 7.16 एकड़ भूमि की लीज अवधि को वर्ष 2042 से 60 वर्षों तक , अर्थात वर्ष 2102 तक , एकमुश्त बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही , इस लीज को निजी निवेशक के पक्ष में एमपीएसटीडीसी (मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम) या एमपीएचसीएल द्वारा सबलीज (उपपट्टा) पर देने का भी अनुमोदन किया गया है। पर्यटन एवं निवेश को मिलेगा बढ़ावा इस निर्णय से भोपाल के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद मिलेगी। निजी...

जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश ने बॉयो फ्यूल योजना-2025 को दी मंजूरी!!

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में अपने मंत्री-परिषद द्वारा बॉयो फ्यूल योजना- 2025 को मंजूरी दी है , जिसका उद्देश्य प्रदेश को जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाना है। यह योजना प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा नीति- 2025 के तहत तैयार की गई है , जिससे कृषि और जैव अपशिष्ट का बेहतर उपयोग हो सके और हरित ऊर्जा का उत्पादन बढ़े। बॉयो फ्यूल (Biofuel) ऐसे ईंधन को कहा जाता है जो जैविक स्रोतों से प्राप्त होता है , जैसे कि पौधे , जीवाणु , या पशु से प्राप्त सामग्री। यह पारंपरिक पेट्रोल , डीजल और कोयले जैसे खनिज ईंधनों का पर्यावरण- friendly विकल्प है। बॉयो फ्यूल का उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है , और यह कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है , क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से उत्पादित होता है और पुनर्नवीनीकरण योग्य होता है। योजना के मुख्य बिंदु: ·          बॉयोफ्यूल उत्पादन को बढ़ावा: योजना के तहत जैव ईंधन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और बायो ऊर्जा संयंत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह यूनिट्स बॉयो सीएनजी , बॉयो मास ब्रिकेट्स , पेलेट्स , बायोडीजल जैसे ईंधनों का...

इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर मध्यप्रदेश का कदम, नीति-2025 से होगा हरित परिवहन का विकास!!

  मध्यप्रदेश राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को भविष्य का मुख्य परिवहन साधन बनाने के उद्देश्य से "मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति- 2025" को मंजूरी दे दी है। यह नीति राज्य के परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है , जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा , बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। प्रमुख उद्देश्य मध्यप्रदेश की इस नई नीति के तहत , इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं लागू की जाएंगी। इन प्रोत्साहनों में 2 पहिया , 3 पहिया , इलेक्ट्रिक कार और बसों के लिए विशेष सब्सिडी दी जाएगी , साथ ही चार्जिंग स्टेशन के लिए भी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। नीति के अंतर्गत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन अधोसंरचना और संबंधित विनिर्माण उद्योगों के लिए एक आकर्षक माहौल तैयार किया जाएगा। प्रमुख लक्ष्य इस नीति का उद्देश्य मध्यप्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इसके तहत: भोपाल , इंदौर , जबलपुर , ग्वालियर और उज्जैन जैसे प्रमुख शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) शहरों के रूप में व...

एविएशन पॉलिसी-2025: नई हवाई पट्टियों और हेलीपेड्स के साथ राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार!!

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में सिविल एविएशन पॉलिसी- 2025 को मंत्रि-परिषद से अनुमोदित किया है , जिसका उद्देश्य राज्य में वायु मार्गों का विस्तार करना , पर्यटन और धार्मिक स्थलों को देश और विदेश से जोड़ना , और औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना है। यह नीति मध्यप्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है , जो राज्य की विमानन इकोसिस्टम को सुरक्षित , किफायती और निवेश-अनुकूल बनाने के लिए काम करेगी। मध्यप्रदेश का भूगोल और विमानन की संभावनाएं मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित एक भौगोलिक दृष्टि से बड़ा राज्य है , जिसमें औद्योगिक , धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं छिपी हैं। राज्य के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थल जैसे कि सांची , महाकौशल , उज्जैन , और खजुराहो को बेहतर वायु संपर्क से जोड़ने से न केवल राज्य का पर्यटन क्षेत्र सशक्त होगा , बल्कि यह व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। सिविल एविएशन पॉलिसी के प्रमुख उद्देश्य और योजनाएं पॉलिसी- 2025 के तहत राज्य में विमानन क्षेत्र को विस्तार देने के लिए कई योजनाओं का प्रस्ताव ह...