सागर, 6 फरवरी 2025 - राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड एवं राज्य औषधि पादप बोर्ड के अंतर्गत सागर इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी साइंस कॉलेज में अश्वगंधा कैंपेन के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अश्वगंधा की खेती, चिकित्सीय उपयोगिता, और रोजगार के अवसर पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया।
इस
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला आयुष अधिकारी सागर, डॉ. जोगेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि अश्वगंधा भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में अत्यधिक महत्वपूर्ण
औषधि है, जिसे आयुर्वेद में स्वास्थ्यवर्धक और तनाव दूर करने
के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर अश्वगंधा की खेती और इसके आर्थिक
फायदे के बारे में भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम
के दौरान डॉ. पारूल सारस्वत और डॉ. अनुभा जैन ने अश्वगंधा की खेती
के महत्व, इसके चिकित्सीय उपयोग,
और इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के बारे में
जानकारी दी। साथ ही, विद्यार्थियों को आयुर्वेद चिकित्सा
पद्धति के लाभों से भी अवगत कराया गया।
इसके
अतिरिक्त, कॉलेज में एक चित्रकला
प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने
उत्साह के साथ भाग लिया। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को सह जिला आयुष अधिकारी
डॉ. जोगेंद्र सिंह ठाकुर और सागर इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी साइंस कॉलेज के
प्रिंसिपल, युवराज सिंह दांगी द्वारा पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
अंत
में, कॉलेज के सभी
स्टाफ और विद्यार्थियों ने मिलकर अश्वगंधा के पौधों
का वृक्षारोपण किया, जो इस अभियान का एक महत्वपूर्ण
हिस्सा था। जिला आयुष चिकित्सालय सागर से अर्पिता दयादान और चक्रेश
रजक ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग प्रदान किया।
यह
अभियान अश्वगंधा के महत्व को बढ़ावा देने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए
एक अहम कदम साबित हो रहा है।
The News Grit, 07-02-2025


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