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विश्व के सबसे बड़े हैंडीक्राफ्ट मेले में चमका मध्यप्रदेश का बाग प्रिंट!!

यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हुए भारत के 7 अनोखे स्थल – क्या आपने इनके बारे में सुना है?

भारत ने यूनेस्को की संभावित विश्व विरासत सूची में सात नए प्राकृतिक स्थलों को शामिल कर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है इससे देश के उन स्थलों की संख्या 62 से बढ़कर 69 हो गई। ये कदम देश की जैविक और भूवैज्ञानिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर मजबूती से पेश करने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास है। शामिल हुए नए स्थल 1.महाराष्ट्र – पंचगनी और महाबलेश्वर स्थित डेक्कन ट्रैप: दुनिया के कुछ सर्वोत्तम संरक्षित और अध्ययन किए गए लावा प्रवाहों का घर। यह स्थल विशाल डेक्कन ट्रैप का हिस्सा है और कोयना वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित है , जो पहले से ही यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। 2. कर्नाटक – सेंट मैरी द्वीप समूह: दुर्लभ स्तंभाकार बेसाल्टिक चट्टान संरचनाओं वाला यह द्वीप समूह उत्तर क्रेटेशियस काल (लगभग 85 मिलियन वर्ष पूर्व) का भूवैज्ञानिक चित्रण प्रस्तुत करता है। 3.मेघालय – मेघालय युग की गुफाएं: यहां की आश्चर्यजनक गुफा प्रणालियां , विशेष रूप से माव्लुह गुफा , होलोसीन युग में "मेघालय युग" के लिए वैश्विक संदर्भ बिंदु हैं। ये गुफाएं महत्वपूर्ण जलवायु और भूवैज्ञानिक परिवर्तनों को दर्शाती ह...

इलेक्ट्रिक वाहनों में आई नई चाल, जानिए क्यों है यह प्रोजेक्ट खास!!

भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को नई दिशा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड ( TDB) ने देश के पहले 240 वोल्ट इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल प्लेटफॉर्म के विकास और व्यावसायीकरण को समर्थन दिया है। यह परियोजना चेन्नई स्थित रैप्टी एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित की जा रही है। पहली बार इलेक्ट्रिक दोपहिया में हाई-वोल्टेज तकनीक यह नवीन तकनीक , जो अब तक मुख्यतः इलेक्ट्रिक कारों में उपयोग हो रही थी , को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में पहली बार लागू किया गया है। 240 वोल्ट डीसी आर्किटेक्चर पर आधारित यह मोटरसाइकिल तेज़ चार्जिंग क्षमता , बेहतर पावर और दक्षता प्रदान करती है। इसे भारत के बढ़ते सार्वजनिक चार्जिंग नेटवर्क के साथ सहज रूप से जुड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। साथ ही , इस हाई-वोल्टेज प्रणाली के पूरक के रूप में एक विशेष बैटरी पैक विकसित किया गया है , जिसे ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( ARAI) द्वारा प्रमाणित किया गया है। 6 साल की रिसर्च का नतीजा इस परियोजना के तहत हाई-वोल्टेज सिस्टम को सपोर्ट करने के लिए एक उन्नत बैटरी पैक भी तैय...

जनजातीय बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य का डिजिटल संगम!!

जनजातीय समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा , स्वास्थ्य और डिजिटल समावेशन उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ( NCL) ने साझेदारी की है। इस समझौते के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 42 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों ( EMRS) को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। यह पहल न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी बल्कि आदिवासी छात्रों , विशेषकर छात्राओं , के समग्र विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। ईएमआरएस: आदिवासी शिक्षा का आधार भारत सरकार का जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजाति ( ST) के बच्चों के लिए शिक्षा और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे देश में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय ( EMRS) संचालित करता है। इन विद्यालयों की स्थापना का मकसद है कि जनजातीय बच्चे उच्च शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों तक पहुँच बना सकें और आगे चलकर बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। आज देशभर में 479 ईएमआरएस कार्यरत हैं। ये विद्यालय केवल शिक्षा ही नहीं , बल्कि छात्रों के पोषण , स्वास्थ्य और समग्र व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देते...

नेशनल लोक अदालत : सागर में एक ही दिन में 3,976 प्रकरणों का निपटारा, 16.92 करोड़ रुपये के अवार्ड पारित!!

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण , नई दिल्ली और मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार 13 सितम्बर 2025 (शनिवार) को जिलेभर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। इस लोक अदालत में 50 खंडपीठों द्वारा कुल 3,976 मामलों का निपटारा किया गया , जिसमें ₹16,92,01,148 के अवार्ड पारित किए गए। लोक अदालत : त्वरित और सुलभ न्याय का माध्यम लोक अदालत भारतीय न्याय व्यवस्था का एक विशेष मंच है , जहाँ विवादों का निपटारा सहज , सुलभ और आपसी सहमति के आधार पर किया जाता है। यह छोटे और मध्यम स्तर के मामलों के लिए एक वैकल्पिक न्याय प्रणाली प्रदान करता है , जिसमें न्यायाधीश , वकील और सामाजिक कार्यकर्ता पक्षकारों की सहायता करते हैं। पूरी प्रक्रिया अनौपचारिक होती है और इसका उद्देश्य जटिल कानूनी औपचारिकताओं से बचते हुए शीघ्र समाधान निकालना है। मोटर दुर्घटना , चेक बाउंस , उपभोक्ता विवाद , पारिवारिक और दीवानी मामले जैसी कई श्रेणियों के प्रकरण लोक अदालत में सुलझाए जाते हैं। इसमें दोनों पक्ष आपसी बातचीत और मध्यस्थता के जरिए समझौते तक पहुँचते हैं। नई तकनीकों जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी उपयोग किया...

ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

चाँद की कक्षा से "कॉस्मिक डॉन" का राज खोलेगा भारतीय पेलोड "प्रतुश" ब्रह्मांड का इतिहास बेहद रहस्यमय और जटिल है। आज हम जो आकाशगंगाएँ , तारे और ग्रह देखते हैं , उनकी कहानी अरबों साल पहले शुरू हुई थी। वैज्ञानिक लंबे समय से यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ब्रह्मांड में पहले तारे कब और कैसे बने। इसी दौर को "कॉस्मिक डॉन" कहा जाता है। इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक महत्वाकांक्षी प्रयोग की योजना बनाई है , जिसमें क्रेडिट कार्ड के आकार का एक छोटा कंप्यूटर अहम भूमिका निभाएगा। कॉस्मिक डॉन: ब्रह्मांड का सुनहरा आरंभ कॉस्मिक डॉन वह काल है जब ब्रह्मांड में पहली बार तारों और आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ। यह समय बेहद खास था क्योंकि यहीं से ब्रह्मांड की संरचना बदलनी शुरू हुई। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हम इस युग को सही से समझ लें , तो हमें यह भी पता चल सकता है कि आज का ब्रह्मांड वैसा क्यों दिखता है जैसा हम देखते हैं। लेकिन समस्या यह है कि उस समय से आने वाले सिग्नल बेहद कमजोर हैं। हाइड्रोजन परमाणु से निकलने वाला 21- सेमी का रेडियो सिग्नल कॉस्मि...

प्रोजेक्ट आरोहण: NHAI की नई योजना, लेकिन किसके लिए?

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI) ने एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल करते हुए टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और करियर निर्माण के लिए ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में किया। इस अवसर पर वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सीईओ डॉ. जफर खान और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। शिक्षा तक समान पहुँच देने का प्रयास एनएचएआई ने वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के साथ मिलकर यह योजना शुरू की है , जिसका मकसद टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना , सामाजिक-आर्थिक भेदों को कम करना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों , जिनमें निम्न-आय वाले परिवारों की लड़कियाँ , पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी तथा अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र शामिल हैं , के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान करना है। एनएचएआई का मानना है कि शिक्षा ही वह साध...

वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को ढ़ालते इतिहास के साम्राज्यवादी अध्याय!!

द्वितीय विश्व युद्ध मानव इतिहास की सबसे भयानक और निर्णायक घटनाओं में से एक है। यह युद्ध केवल सैन्य ताक़तों की भिड़ंत नहीं था , बल्कि साम्राज्यवादी शक्तियों की महत्वाकांक्षाओं , उपनिवेशित समाजों की पीड़ा और वैश्विक व्यवस्था के पुनर्निर्माण का भी साक्षी था। यूरोप में नाज़ीवाद और फासीवाद को हराने की कहानियाँ जितनी बार दोहराई जाती हैं , उतनी ही बार एशिया और अफ्रीका के दुखद प्रसंगों को भुला दिया जाता है। यह युद्ध इतिहास का ऐसा कोश है जिसमें असंख्य कुत्सित अध्याय दर्ज हैं नरसंहार , यौन शोषण , रासायनिक प्रयोग , जबरन मजदूरी और उपनिवेशित समाजों का शोषण। किंतु विजेताओं ने हमें वही पन्ने पढ़ने दिए जो उनकी राजनीतिक जरूरतों के अनुरूप थे। हमें नायकों और खलनायकों की वही परिभाषाएँ दी गईं जो पश्चिमी शक्तियों के हितों से मेल खाती थीं। इसी वजह से नानकिंग नरसंहार , यूनिट 731 जैसे जापानी प्रयोग , चीन और सोवियत संघ की भयावह जनहानि या अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी उपनिवेशों की त्रासदी कभी मुख्यधारा की स्मृति का हिस्सा नहीं बन पाई। सोवियत संघ की भूमिका इस युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण रही। जर्मन नाज़ी सेना का मुकाबला ...