न्यायिक प्रक्रिया को तेज और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 दिसंबर 2025 को किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में आयोजित होने वाली इस लोक अदालत में विशेष रूप से बिजली चोरी और विद्युत अनियमितताओं से जुड़े प्रकरणों का निपटारा समझौते के माध्यम से किया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत दर्ज मामलों में अनावश्यक कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए इस लोक अदालत का लाभ अवश्य उठाएँ। उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता या उपयोगकर्ता अपने लंबित बिजली चोरी के मामलों में समझौता करना चाहते हैं, वे शीघ्र ही अपने संबंधित बिजली कार्यालयों से संपर्क करें।
बिजली
चोरी मामलों में समझौते की विशेष व्यवस्था
राज्य की
विद्युत वितरण कंपनियों ने निर्णय लिया है कि विद्युत अधिनियम की धारा 135 के अंतर्गत दर्ज लंबित और विचाराधीन मामलों का निपटारा इस लोक अदालत में
किया जाएगा। इस पहल के तहत निम्नदाब श्रेणी के उपभोक्ताओं को विशेष राहत दी जाएगी,
जिनमें शामिल हैं-
·
सभी घरेलू उपभोक्ता
·
सभी कृषि उपभोक्ता
·
5 किलोवॉट तक के
गैर-घरेलू (कमर्शियल) उपभोक्ता
·
10 अश्व शक्ति (HP)
तक के औद्योगिक उपभोक्ता
इन श्रेणियों
के उपभोक्ता लोक अदालत के दिन समझौता कर अपने प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करा
सकेंगे।
प्रि-लिटिगेशन
स्तर पर छूट
·
यदि कोई प्रकरण
अदालत में जाने से पहले यानी प्रि-लिटिगेशन स्तर पर समझौते के लिए आता है,
तो- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व राशि
पर 30% की छूट दी जाएगी।
·
भुगतान में विलंब के
कारण 16% वार्षिक ब्याज (छःमाही चक्रवृद्धि दर से) जोड़ा जाता है, उस पर 100% ब्याज छूट दी जाएगी।
इसका अर्थ है कि उपभोक्ता केवल
मूल आंकलित राशि का अधिकांश भाग चुका कर अपने प्रकरण का समाधान करा सकेंगे।
लिटिगेशन
स्तर पर छूट
यदि मामला
पहले से न्यायालय में लंबित है, तो उपभोक्ताओं
को निम्न राहत मिलेगी-
·
सिविल दायित्व राशि
पर 20% की छूट।
·
ब्याज की पूरी राशि
(16% प्रतिवर्ष की दर से) पर 100% छूट।
इससे
उपभोक्ताओं को अपने पुराने मामलों का निपटारा करने और कानूनी खर्चों से बचने का
अवसर मिलेगा।
सीमाएँ
और शर्तें
कंपनी ने
स्पष्ट किया है कि-
·
यह छूट केवल उन
प्रकरणों पर लागू होगी जिनमें आंकलित सिविल दायित्व राशि ₹10 लाख तक है।
·
यह छूट सिर्फ 13 दिसंबर 2025 को नेशनल लोक अदालत में समझौते करने
वालों के लिए मान्य रहेगी।
·
समझौते की प्रक्रिया
कंपनी के निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अनुसार पूरी की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री
की अपील
उन्होंने कहा
–
“लोक अदालत में समझौता कर उपभोक्ता न केवल कानूनी कार्यवाही से बच
सकते हैं, बल्कि उन्हें वित्तीय रूप से भी बड़ी राहत मिलेगी।
मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूँ कि वे इस अवसर का लाभ लें और नियमित उपभोक्ता
बनने की दिशा में कदम बढ़ाएँ।”
लोक
अदालत का महत्व
लोक अदालतें
देश में वैकल्पिक विवाद निपटान प्रणाली का एक प्रमुख माध्यम हैं,
जिनका उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को सुलभ और सस्ती बनाना, मामलों के त्वरित निपटान को बढ़ावा देना तथा अदालतों पर लंबित मामलों का
भार कम करना है। बिजली चोरी और अनियमितताओं से जुड़े प्रकरणों में समझौता केवल
राजस्व वसूली का माध्यम नहीं, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी
और पारदर्शिता की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी माना जा रहा है।
13
दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत उपभोक्ताओं
के लिए एक गोल्डन चांस है, जिसके माध्यम से वे अपने बिजली
चोरी या अनियमितता से जुड़े मामलों को समझौते से सुलझाकर कानूनी जटिलताओं से मुक्त
हो सकते हैं। इस दिन राज्यभर में विद्युत वितरण कंपनियाँ विशेष “समझौता शिविर”
लगाएंगी, जहाँ उपभोक्ता मौके पर ही अपने बकाया मामलों का समाधान
करा सकेंगे।
The News Grit, 13/11/2025

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