खेल के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल करने और खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण देने की दिशा में मध्यप्रदेश एक बड़ा कदम उठा रहा है। खेल विभाग द्वारा नाथु बरखेड़ा स्थित स्पोर्ट्स सिटी में लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्पोर्ट्स साइंस एवं हाई-परफॉर्मेंस सेंटर स्थापित किया जा रहा है।
यह सेंटर उन
सभी आधुनिक वैज्ञानिक और तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा,
जिनकी आज के समय में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को निखारने और
अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में जरूरत होती है। इसमें
खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता, मानसिक दृढ़ता, चोटों से बचाव, और कुल प्रदर्शन सुधार पर व्यापक रूप
से काम किया जाएगा।
क्यों
जरूरी है स्पोर्ट्स साइंस सेंटर?
आज का खेल
जगत बेहद तेज और चुनौतीपूर्ण हो गया है। सिर्फ प्रतिभा या अच्छी कोचिंग अब
पर्याप्त नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कई खिलाड़ी,
चाहे वे कितने ही प्रतिभाशाली हों, मनोवैज्ञानिक
दबाव, तकनीकी कमी या चोटों की वजह से अपने लक्ष्य तक नहीं
पहुँच पाते। अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में सफलता के लिए वैज्ञानिक
दृष्टिकोण और तकनीकी समर्थन बेहद अहम है।
खेल विज्ञान
(स्पोर्ट्स साइंस) का उद्देश्य केवल खिलाड़ियों की फिटनेस को मापना या बढ़ाना ही
नहीं है,
बल्कि इसमें उनके मानसिक स्वास्थ्य, आहार,
रिकवरी, और तकनीकी कौशल को भी शामिल किया जाता
है। आज की दुनिया में मनोविज्ञान, पोषण, बायोमैकेनिक्स, और डेटा एनालिसिस जैसे क्षेत्र
खिलाड़ियों के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हीं कारणों को देखते
हुए भोपाल में इस सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसका मकसद न केवल राज्य के
खिलाड़ियों को उन्नत सुविधाएँ देना है, बल्कि भारत को
वैश्विक खेल शक्ति बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करना है।
सेंटर
की मुख्य विशेषताएँ
यह स्पोर्ट्स
साइंस सेंटर देश का पहला ऐसा मॉडल होगा, जहां
एक ही परिसर में खिलाड़ियों को सभी आवश्यक खेल विज्ञान सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
इसका उद्देश्य एक ही स्थान पर खिलाड़ियों को वैज्ञानिक, तकनीकी
और मनोवैज्ञानिक सहयोग देना है, जिससे उन्हें किसी अन्य
संसाधन की आवश्यकता न पड़े।
मुख्य
सुविधाएँ इस प्रकार होंगी:
फिजियोलॉजी
लैब – यहां खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता
और सहनशक्ति को मापने के लिए उन्नत उपकरण होंगे। VO2 मैक्स टेस्टिंग, बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस जैसी
तकनीकों से खिलाड़ी की फिटनेस का गहराई से विश्लेषण किया जाएगा।
बायोमैकेनिक्स
लैब – यह प्रयोगशाला खिलाड़ियों की शारीरिक
गतियों,
चाल-ढाल, और ताकत के उपयोग का अध्ययन करेगी।
मोशन कैप्चर, गेट एनालिसिस और फोर्स-प्लेट टेस्टिंग के जरिए
खिलाड़ियों की तकनीकी कमजोरियों की पहचान की जाएगी और उन्हें सुधारने की दिशा में
सुझाव दिए जाएंगे।
मनोविज्ञान
इकाई – किसी भी खेल में मानसिक दृढ़ता उतनी
ही जरूरी है जितनी शारीरिक फिटनेस। इस इकाई में खिलाड़ियों की तनाव प्रबंधन,
चिंता नियंत्रण, और मानसिक तैयारी पर काम किया
जाएगा।
पोषण
और बॉयोकेमिस्ट्री सपोर्ट यूनिट – खिलाड़ियों की आहार
संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह यूनिट बेहद महत्वपूर्ण होगी। यहां ब्लड
मार्कर टेस्टिंग, वैज्ञानिक डाइट
प्लानिंग, और पोषण संबंधी निगरानी की जाएगी।
रिकवरी
सूट – खिलाड़ी चोटिल हों या थकान से उबर
रहे हों,
उनके लिए यहां हाइड्रोथेरेपी, क्रायोथेरेपी और
फिजियोथेरेपी जैसी आधुनिक तकनीकें उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा,
केंद्र में विशेषज्ञ वैज्ञानिकों, मनोवैज्ञानिकों,
पोषण विशेषज्ञों, फिजियोथेरेपिस्टों और डेटा
विश्लेषकों की टीम होगी, जो खिलाड़ियों की व्यक्तिगत
प्रोफ़ाइल बनाकर उनकी कमजोरियों और ताकतों का मूल्यांकन करेगी।
खिलाड़ियों
के लिए कैसे फायदेमंद होगा यह सेंटर?
यह सेंटर
खिलाड़ियों को एक ही छत के नीचे सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएगा। इसका सबसे बड़ा
फायदा यह होगा कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा।
·
व्यक्तिगत प्रशिक्षण
योजनाएँ: हर खिलाड़ी की जरूरतें अलग होती हैं। यहां हर खिलाड़ी की व्यक्तिगत
प्रोफ़ाइल के अनुसार प्रशिक्षण योजना तैयार की जाएगी।
·
वैज्ञानिक निगरानी:
खिलाड़ियों की प्रगति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और जरूरत के अनुसार बदलाव किए
जाएंगे।
·
चोट से बचाव और
जल्दी रिकवरी: यहां मौजूद आधुनिक सुविधाएँ खिलाड़ियों को चोटों से बचाने और जल्दी
ठीक होने में मदद करेंगी।
·
मानसिक मजबूती:
प्रतियोगिता के दबाव से निपटने के लिए मनोवैज्ञानिक समर्थन दिया जाएगा।
प्रदेश
और देश के लिए लाभ
यह पहल न
केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। इस सेंटर से राज्य के
खिलाड़ी ओलंपिक, एशियाई खेलों और अन्य
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे।
·
प्रदेश के उभरते
खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी, जिससे
उनका प्रदर्शन बेहतर होगा।
·
भोपाल को स्पोर्ट्स
साइंस का राष्ट्रीय हब बनाने में मदद मिलेगी।
·
यह सेंटर भारत को
वैश्विक खेल शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।
यह स्पोर्ट्स
साइंस सेंटर खेलों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तकनीकी
विशेषज्ञता, और नवाचार का बेहतरीन संगम होगा। यह न केवल खिलाड़ियों
के प्रदर्शन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि मध्यप्रदेश
और भारत को खेल जगत में नई पहचान दिलाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
The News Grit, 25/08/2025
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