भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी की तेजी से बढ़ती पहुँच के साथ मोबाइल उपकरणों के अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) नंबर सहित दूरसंचार पहचानकर्ताओं के दुरुपयोग का खतरा भी बढ़ रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने आईएमईआई से छेड़छाड़ जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों को और सख्त कर दिया है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने नागरिकों को दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत मौजूद कठोर दंडात्मक प्रावधानों की जानकारी देते हुए सतर्क रहने की अपील की है।
आईएमईआई
में छेड़छाड़ पर कड़ा कानून
दूरसंचार
अधिनियम,
2023 उपकरणों के आईएमईआई सहित किसी भी दूरसंचार पहचानकर्ता से
छेड़छाड़ को गंभीर अपराध मानता है। नए प्रावधानों के तहत:
·
धारा 42(3)(c)
दूरसंचार पहचानकर्ताओं से छेड़छाड़ पर प्रतिबंध लगाती है।
·
धारा 42(3)(e)
धोखाधड़ी, छल या छद्मवेश से सिम या दूरसंचार
पहचानकर्ता प्राप्त करने पर रोक लगाती है।
·
धारा 42(3)(f)
किसी भी रेडियो उपकरण जैसे मोबाइल फोन, मॉडेम,
मॉड्यूल या सिम बॉक्स को जानबूझकर अपने पास रखना अपराध है, यदि उसमें छेड़छाड़ किया गया या अनधिकृत आईएमईआई इस्तेमाल किया गया हो।
इन
प्रावधानों के उल्लंघन पर:
·
तीन साल तक की कैद,
·
50 लाख रुपये तक का
जुर्माना,
·
या दोनों लगाए जा
सकते हैं।
ये अपराध
अधिनियम की धारा 42(7) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। साथ ही,
धारा 42(6) ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने वालों पर भी समान दंड लागू
करती है।
दूरसंचार
साइबर सुरक्षा नियम, 2024 का प्रावधान
दूरसंचार
साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के तहत सरकार ने
स्पष्ट रूप से यह प्रावधान किया है कि कोई भी व्यक्ति किसी मोबाइल फोन या डिवाइस
के आईएमईआई नंबर को नहीं बदल सकता, न ही ऐसे उपकरणों का
निर्माण, खरीद या उपयोग कर सकता है जिनका आईएमईआई बदला जा
सके। सरकार का कहना है कि इस तरह के उपकरण साइबर धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों
के लिए मुख्य माध्यम बन जाते हैं, इसलिए इन पर पूर्ण
प्रतिबंध आवश्यक है ताकि मोबाइल नेटवर्क और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा
सके।
नागरिकों
को किन बातों से बचना चाहिए
DoT ने
नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि निम्न कार्य न केवल अवैध हैं, बल्कि गंभीर कानूनी परिणाम भी ला सकते हैं:
·
छेड़छाड़ किए गए या
बदले गए आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल फोन का उपयोग करना
·
कॉन्फ़िगर किए जा
सकने वाले आईएमईआई वाले मॉडेम, मॉड्यूल,
सिम बॉक्स आदि खरीदना या उपयोग करना
·
फर्जी दस्तावेज या
छद्मवेश के माध्यम से सिम कार्ड प्राप्त करना
·
सिम कार्ड किसी अन्य
व्यक्ति को सौंपना या देना
·
ऐसे मोबाइल
एप्लिकेशन या वेबसाइट का उपयोग जो कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी या अन्य दूरसंचार
पहचानकर्ता बदलते हैं
जो नागरिक
अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदते हैं और साइबर धोखाधड़ी में दुरुपयोग के लिए दूसरों
को देते हैं, उन्हें भी अपराधी माना जाएगा।
आईएमईआई
और मोबाइल कनेक्शन सत्यापन आवश्यक
सरकार ने नागरिकों को अपने उपकरण और मोबाइल कनेक्शन सुरक्षित रखने के लिए संचार साथी पोर्टल और मोबाइल ऐप उपयोग करने की सलाह दी है। नागरिक इन प्लेटफॉर्म्स पर अपने मोबाइल फोन का IMEI सत्यापित कर सकते हैं, चोरी या खोए मोबाइल की रिपोर्ट कर सकते हैं, मोबाइल कनेक्शन की सुरक्षा संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने नाम पर जारी सिमों में किसी भी अनधिकृत या संदिग्ध उपयोग की पहचान कर सकते हैं।
लिंक-https://ceir.sancharsaathi.gov.in/Device/SancharSaathiKym.jsp
सरकार का कहना
है कि यह पहल दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने और देश में सुरक्षित
दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
डिजिटल
सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम
DoT ने
स्पष्ट किया कि अधिनियम के प्रावधानों और नए नियमों का पालन करना नागरिकों को
साइबर धोखाधड़ी और दूरसंचार अपराधों से बचाता है। यह सुनिश्चित करता है कि देश में
किसी भी तरह की मोबाइल आधारित धोखाधड़ी पर अंकुश लगाया जा सके।
नागरिक संचार
साथी पोर्टल- www.sancharsaathi.gov.in पर जाकर या इसका मोबाइल ऐप डाउनलोड कर विभिन्न सुरक्षा सेवाओं का लाभ उठा
सकते हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी जितनी बढ़ती जा रही है, उतनी
ही जरूरत है कि नागरिक सतर्क रहें, प्रमाणित उपकरणों का
उपयोग करें और IMEI व सिम संबंधी नियमों का पालन करें।
The News Grit, 25/11/2025

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