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Showing posts from November, 2025

खाते में दिखी गड़बड़ी… और खुल गया करोड़ों का खेल!!

खाते में दिखी गड़बड़ी… और खुल गया करोड़ों का खेल!!

बैतूल   जिला पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए ₹9 करोड़ 84 लाख 95 हजार 212 की हेराफेरी का खुलासा किया है। इस संगठित गिरोह ने एक ही बैंक के 7 खाताधारकों के खातों को निशाना बनाया था , जिनमें से एक मृत व्यक्ति का बैंक खाता भी शामिल था। पुलिस ने इंदौर में दबिश देकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मजदूर के जन-धन खाते में मिली करोड़ों की गतिविधि खेड़ी सावलीगढ़ निवासी मजदूर बिसराम इवने जब अपने जन-धन खाते की KYC अपडेट कराने बैंक पहुंचे , तो उन्होंने खाते में करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन देखे। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दर्ज कराई। SP वीरेंद्र जैन और ASP कमला जोशी के निर्देशन में साइबर सेल और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम को जांच सौंपी गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जून 2025 से अब तक बिसराम के खाते से लगभग ₹1.50 करोड़ का अवैध लेन-देन हुआ था। दूध का दूध , पानी का पानी पुलिस जांच में उजागर हुई संगठित साइबर लूट गहन तकनीकी विश्लेषण , बैंक खातों की ट्रैकिंग , डिजिटल फॉरेंसिक और लगातार मॉनिटरिंग के बा...

मध्यप्रदेश में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता: उच्च शिक्षा विभाग ने किया स्टेट टास्क फोर्स का गठन!!

विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर देशभर में बढ़ती चिंता के बीच मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने इस दिशा में ठोस और व्यापक कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। राज्य ने सुप्रीम कोर्ट और नेशनल टास्क फोर्स ( NTF) के निर्देशों के बाद स्टेट टास्क फोर्स ( STF) को पूर्णतः सक्रिय कर दिया है , जो अब पूरे राज्य में विश्वविद्यालयों , महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी उपायों की निगरानी और सुधार की रूपरेखा तय कर रही है। उल्‍लेखनीय है कि NTF द्वारा आयुक्त , उच्च शिक्षा प्रबल सिपाहा को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार यह पहल केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं , बल्कि “राज्य के विद्यार्थियों के लिए एक सुरक्षित , सहयोगी और दबावमुक्त शैक्षणिक माहौल” तैयार करने की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा प्रशासनिक प्रयास है। एसटीएफ के हाथ में मानसिक स्वास्थ्य सुधार की कमान NTF के निर्देशों के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने स्टेट टास्क फोर्स ( STF) का गठन किया है। यह टास्क फोर्स राज्य में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य , परामर्श सेवाओं और रोकथाम उपायों...

तंबाकू की लत ने बिगाड़ी हालत, पाँच साल से बंद था मुंह!!

सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) के दंत रोग विभाग ने एक बड़ी चिकित्सीय उपलब्धि हासिल की है। गुटखा और तंबाकू के लंबे समय तक सेवन करने के कारण पांच वर्षों से मुंह पूरी तरह बंद हो चुके 24 वर्षीय युवक अखिलेश को तीन घंटे की कठिन सर्जरी के बाद नया जीवन मिला है। पिछले दो वर्षों से वह केवल तरल आहार पर निर्भर था , बोलने में कठिनाई और सामाजिक दूरी उसकी दिनचर्या बन चुकी थी। लेकिन अब युवक सामान्य भोजन कर रहा है और साफ बोल पा रहा है। बीमारी ने बना दिया था जीवन नरक अखिलेश ने कब पान-गुटखा का सेवन शुरू किया , यह उसे याद नहीं। धीरे-धीरे उसके मुंह का खुलना कम होता गया और स्थिति इतनी गंभीर हुई कि उसका मुंह पूरी तरह बंद हो गया। डॉक्टरों के अनुसार यह अवस्था ओरल सबम्यूकोस फाइब्रोसिस जैसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत करती है , जिसमें मुंह के अंदर ऊतक सिकुड़ने लगते हैं। सागर संभाग के कई डॉक्टरों को दिखाने के बावजूद उसकी हालत में कहीं भी कोई सुधार नहीं हुआ। दवाइयों और असफल प्रयासों के बीच उसका आत्मविश्वास टूटता जा रहा था। बीएमसी सागर बना में इलाज करीब 15 दिन पहले अखिलेश बीएमसी सागर के दंत रोग विभाग पहु...

औषधीय फसलों में मध्यप्रदेश का दबदबा, देश में 44% उत्पादन यहीं से!!

मध्यप्रदेश औषधीय फसलों के उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। राज्य में वर्ष 2024-25 में कुल 46,837 हेक्टेयर क्षेत्र में ईसबगोल , अश्वगंधा , सफेद मूसली , कोलियस सहित कई महत्वपूर्ण औषधीय फसलों की खेती की गई है। औषधीय पौधों की बढ़ती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग के चलते किसान पारंपरिक खेती से हटकर इन उच्च-मूल्य फसलों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। राज्य के कृषि विभाग के अनुसार , वर्ष 2024-25 में लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन औषधीय फसलों का उत्पादन हुआ है। यह उत्पादन वर्ष 2021-22 के 1.16 लाख मीट्रिक टन की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। वहीं , बोनी क्षेत्र भी लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में जहां 44,324 हेक्टेयर में बोनी हुई थी , वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 46,837 हेक्टेयर हो गया , यानी 2,512 हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। देश में 44% औषधीय उत्पादन मध्यप्रदेश में भारत में उत्पादित कुल औषधीय फसलों में से 44 प्रतिशत उत्पादन अकेले मध्यप्रदेश में होता है , जो राज्य की राष्ट्रीय भूमिका को रेखांकित करता है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को अनुदान , तकनीकी सहायता...

समुद्री मिशनों के लिए डीआरडीओ की नई तकनीक तैयार!!

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बारूदी सुरंग निरोधक अभियानों की क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। डीआरडीओ की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला ( NSTL), विशाखापत्तनम ने मानव-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवॉटर व्हीकल्स ( MP-AUV) की नई पीढ़ी का सफलतापूर्वक विकास किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक भारतीय नौसेना को समुद्र में बारूदी सुरंगों की पहचान , वर्गीकरण और उन्हें निष्क्रिय करने में तेज , सुरक्षित और अधिक प्रभावी विकल्प प्रदान करेगी। अत्याधुनिक सेंसर और एआई-आधारित पहचान प्रणाली नई पीढ़ी के MP-AUV कई प्रमुख तकनीकी फीचर्स से लैस हैं। इनमें साइड-स्कैन सोनार और अंडरवॉटर कैमरे शामिल हैं , जो वास्तविक समय में बारूदी सुरंग जैसी संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाने और वर्गीकृत करने में सक्षम हैं। ऑनबोर्ड डीप-लर्निंग आधारित टारगेट रिकॉग्निशन एल्गोरिदम इन वाहनों को स्वतः वर्गीकरण की क्षमता प्रदान करता है। इससे ऑपरेटर का कार्यभार काफी कम होता है और मिशन का समय भी घट जाता है। बेहतर संचार और स्थितिजन्य जागरूकता एयूवी के बीच संचालन के दौरान सूचना के आदान-प्रदान को सुगम बना...

ऑपरेशन ‘प्रहार’ की बड़ी सफलता: खरगोन में 3200 गांजा पौधे जब्त!!

मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत खरगोन जिले में एक बड़ी सफलता दर्ज की गई है। जिले के दुर्गम पहाड़ी और “नो नेटवर्क जोन” वाले क्षेत्रों में की जा रही अवैध गांजा खेती का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस अभियान में पुलिस ने कुल 3200 गांजे के पौधे जब्त किए , जिनका कुल वजन 35.51 क्विंटल (3,551 किलो 240 ग्राम) है। इस जब्ती की estimated कीमत लगभग 1 करोड़ 77 लाख 56 हजार 200 रुपये आंकी गई है। बरामद पौधों की ऊँचाई औसतन 5 से 7 फीट के बीच पाई गई , जिससे यह स्पष्ट होता है कि खेती लंबे समय से की जा रही थी और इसकी तैयारी भी संगठित रूप से की गई थी। पुलिस टीम को इस पूरी कार्रवाई के दौरान दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पौधों को उखाड़ने , एकत्रित करने और सुरक्षित स्थान तक लाने में टीम को कई घंटों तक लगातार मेहनत करनी पड़ी। यह कार्रवाई केवल जब्ती तक सीमित नहीं रही , बल्कि इसने यह भी उजागर किया कि इस क्षेत्र में लंबे समय से संगठित रूप से अवैध खेती की जा रही थी , जिसे छिपाने के लिए दुर्...

बिजली चोरी और अनियमितताओं के मामलों में समझौते का अवसर!!

न्यायिक प्रक्रिया को तेज और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से नेशनल लोक अदालत का आयोजन  13 दिसंबर 2025 को किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में आयोजित होने वाली इस लोक अदालत में विशेष रूप से बिजली चोरी और विद्युत अनियमितताओं से जुड़े प्रकरणों का निपटारा समझौते के माध्यम से किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत दर्ज मामलों में अनावश्यक कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए इस लोक अदालत का लाभ अवश्य उठाएँ। उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता या उपयोगकर्ता अपने लंबित बिजली चोरी के मामलों में समझौता करना चाहते हैं , वे शीघ्र ही अपने संबंधित बिजली कार्यालयों से संपर्क करें। बिजली चोरी मामलों में समझौते की विशेष व्यवस्था राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों ने निर्णय लिया है कि विद्युत अधिनियम की धारा 135 के अंतर्गत दर्ज लंबित और विचाराधीन मामलों का निपटारा इस लोक अदालत में किया जाएगा। इस पहल के तहत निम्नदाब श्रेणी के उपभोक्ताओं को विशेष राहत दी जाएगी , जिनमें शामिल हैं - ·         ...

डिजिटल धोखाधड़ी पर सख्त कार्रवाई - इंदौर से बड़ा अपडेट!!

आधुनिक दौर में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के बीच , इंदौर पुलिस ने ठगी और आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। पुलिस की तत्पर कार्रवाई का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। वर्ष 2025 में क्राइम ब्रांच इंदौर की साइबर फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीम ने उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए ऑनलाइन ठगी के शिकार नागरिकों को ₹ 12 करोड़ 61 लाख 18 हजार 340 रुपये की राशि वापस दिलाई है। इंदौर कमिश्नरेट क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी और आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर संतोष कुमार सिंह ने विशेष निर्देश जारी किए थे। उनके मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम को साइबर अपराधों की शिकायतों पर फौरन और प्रभावी कार्रवाई के लिए तैनात किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि सालभर में हजारों लोगों को राहत मिली और अपराधियों के नेटवर्क पर लगातार शिकंजा कसा गया। प्रमुख ऑनलाइन ठगी के तरीके क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार , शहर में जिन प्रमुख प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड सामने आए , वे इस प्रकार हैं: ·          इन्वेस्टमेंट फ्रॉड - टास्क , ट्रेडिंग या उच्च रिटर्न का झ...

एशियाई चैंपियनशिप में अनुज्ञा शर्मा ने दिलाया देश को कांस्य पदक!

जापान के टोक्यो शहर में 2 से 5 नवंबर 2025 तक आयोजित एशियाई कूडो चैंपियनशिप में मध्यप्रदेश की प्रतिभावान खिलाड़ी अनुज्ञा शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए कांस्य पदक जीता। इस उपलब्धि के साथ अनुज्ञा ने न केवल प्रदेश , बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। 220 कैटेगरी में प्रतियोगिता के दौरान अनुज्ञा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जापान की खिलाड़ी को परास्त किया और अपने संघर्ष , आत्मविश्वास व समर्पण से यह ऐतिहासिक पदक हासिल किया। उनकी इस सफलता पर मध्यप्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने अनुज्ञा शर्मा को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। मंत्री सारंग ने कहा कि “अनुज्ञा ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का तिरंगा ऊँचा किया है , उनकी यह सफलता प्रदेश की सभी बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत है।” सिलेक्शन ट्रायल से लेकर एशिया तक का सफर अनुज्ञा शर्मा का चयन 2 और 3 अगस्त 2025 को सूरत (गुजरात) स्थित एथलेटिका जिम में आयोजित कूडो एशियाई चैंपियनशिप सिलेक्शन ट्रायल के माध्यम से हुआ था। देश के विभिन्न राज्यों से आईं सैकड़ों प्रतिभाओं के बीच अनुज्ञा ने दमदार प्रदर्शन करते हुए ट्र...

भारतीय नौसेना में शामिल होगा ‘इक्षक’: स्वदेशी हाइड्रोग्राफिक उत्कृष्टता का नया अध्याय!!

भारतीय नौसेना अपनी जल सर्वेक्षण क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने जा रही है। 6 नवंबर , 2025 को कोच्चि के नौसेना बेस में एक भव्य समारोह के दौरान भारतीय नौसेना ‘एसवीएल इक्षक’ को औपचारिक रूप से अपनी सेवा में शामिल करेगी। यह समारोह भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा , जिसमें नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और पोत को कमीशन करेंगे।  ‘ इक्षक’: स्वदेशी तकनीकी क्षमता का परिचायक इक्षक , सर्वेक्षण पोत (वृहद) [एस.वी.एल.] श्रेणी का तीसरा पोत है और यह दक्षिणी नौसेना कमान में शामिल होने वाला पहला जहाज होगा। इस पोत का निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ( GRSE) लिमिटेड ने किया है। यह पोत भारत की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता , तकनीकी आत्मनिर्भरता और "आत्मनिर्भर भारत" अभियान की सफलता का शानदार उदाहरण है। इक्षक के निर्माण में 80% से अधिक स्वदेशी उपकरणों और सामग्रियों का उपयोग किया गया है। यह न केवल भारत की बढ़ती नौसैनिक तकनीकी दक्षता को प्रदर्शित करता है , बल्कि GRSE और देश के MSME क्षेत्र के बीच सशक्त होते औद्यो...