दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की 26वीं पूर्ण बैठक का आयोजन 22 दिसंबर 2025 को किया गया। बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने की। इस बैठक में वायु प्रदूषण से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए।
वार्षिक
रिपोर्ट और लेखा परीक्षा खातों को स्वीकृति
बैठक में
आयोग की वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट और लेखा
परीक्षा के बाद के वार्षिक खातों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही ऑडिट रिपोर्ट और
वार्षिक रिपोर्ट से जुड़े कार्रवाई योग्य बिंदुओं को भी स्वीकार किया गया, ताकि भविष्य में सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
संशोधित
GRAP
को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप मंजूरी
माननीय
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में 21 नवंबर 2025 को संशोधित की गई ग्रेडेड रिस्पॉन्स
एक्शन प्लान (GRAP) को आयोग ने अनुमोदन प्रदान किया। आयोग ने
स्पष्ट किया कि अब GRAP के उच्च चरण लागू होने पर, निचले चरणों के सभी उपाय भी स्वतः लागू रहेंगे।
इसके अलावा,
मौजूदा शीत ऋतु के दौरान GRAP के कार्यान्वयन
की समीक्षा की गई। इसमें विभिन्न चरणों के तहत उठाए गए कदमों और GRAP चरण-1 एवं चरण-2 के अंतर्गत
अतिरिक्त उपायों जैसे निर्बाध बिजली आपूर्ति, यातायात भीड़
कम करने के उपाय, नागरिकों के लिए परामर्श जारी करना और
सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में वृद्धि पर विशेष चर्चा की गई।
वाहनों
से होने वाले प्रदूषण पर विशेषज्ञ समिति गठित
वाहनों के
उत्सर्जन से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 10 दिसंबर 2025 को जारी कार्यालय आदेश को बैठक में
मंजूरी दी गई। इसके तहत गठित विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता IIT मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला करेंगे। समिति वाहनों के उत्सर्जन का
आकलन, इसके स्वास्थ्य प्रभाव, स्वच्छ
आवागमन रणनीतियाँ, इलेक्ट्रिक वाहनों की तैयारी और आवश्यक
नियामक उपायों पर सिफारिशें देगी।
ज़ीरो-एमिशन
वाहनों को बढ़ावा देने के निर्देशों में संशोधन
आयोग ने
निर्देश संख्या 94 (दिनांक 03.06.2025)
में संशोधन पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य मोटर
वाहन एग्रीगेटरों, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स
कंपनियों को शून्य-उत्सर्जन वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। हितधारकों
के सुझावों के आधार पर यह प्रस्ताव रखा गया कि 31 दिसंबर 2026 तक मौजूदा बेड़े में पेट्रोल चालित BS-VI दोपहिया
वाहनों को शामिल करने की अनुमति दी जाए, जबकि 1 जनवरी 2026 से अन्य श्रेणियों में पारंपरिक ICE
वाहनों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
पराली
जलाने की घटनाओं में 92% तक कमी
बैठक में 2025 के दौरान धान की पराली जलाने की स्थिति की भी समीक्षा की गई। आयोग ने
बताया कि एकीकृत निगरानी और सख्त कार्रवाई के चलते 2021 की
तुलना में एनसीआर क्षेत्र में लगभग 92% कमी दर्ज की गई है। इसके
साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया गया
कि वे 2026 की गेहूं कटाई के मौसम के लिए पराली जलाने पर रोक
हेतु निगरानी और कानूनी कार्रवाई की राज्य कार्य योजना तैयार करें, जिसके आधार पर आगे वैधानिक निर्देश जारी किए जाएंगे।
औद्योगिक
इकाइयों पर प्रवर्तन कार्रवाई की समीक्षा
प्रवर्तन
कार्य बल द्वारा की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की गई,
जिसमें प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद करने, पुनः शुरू करने, शिकायतों और अभियोजन की स्थिति पर
चर्चा हुई।
निर्माण
गतिविधियों से बढ़ते प्रदूषण पर चिंता
आयोग ने
निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों से निकलने वाली धूल को PM10 और PM2.5 बढ़ने का प्रमुख कारण बताया। नगर निकायों
और विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया कि वे निगरानी व्यवस्था को मजबूत करें,
मलबे के संग्रहण, भंडारण और प्रसंस्करण की
उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें तथा निर्माण अनुमति से पहले अपशिष्ट निपटान की जांच
के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करें।
पुराने
वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन
हालिया
न्यायिक निर्णयों के संदर्भ में वाहनों के जीवनकाल समाप्त होने (EOL)
के मुद्दे की समीक्षा की गई। आयोग ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट
के 17 दिसंबर 2025 के आदेश के अनुसार BS-IV
और उससे ऊपर के वाहनों पर दंडात्मक कार्रवाई से फिलहाल राहत जारी है,
जबकि BS-III और उससे पुराने वाहनों के खिलाफ
कार्रवाई पर लगी रोक हटा दी गई है। प्रवर्तन एजेंसियों को आदेशों के सख्त अनुपालन
के निर्देश दिए गए।
सर्दियों
में कड़ी निगरानी पर जोर
आयोग ने
विशेष रूप से शीत ऋतु के दौरान निरंतर निगरानी, समन्वित
कानूनी कार्रवाई और GRAP सहित सभी वैधानिक निर्देशों के
प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया। सभी संबंधित एजेंसियों ने वायु प्रदूषण नियंत्रण
के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
The News Grit, 23/12/2025

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