Skip to main content

ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

हरित भविष्य की ओर प्लास्टिक प्रदूषण पर विराम लगाने का संकल्प!!!!

"प्रकृति की रक्षा ही हमारी सुरक्षा है"इसी भाव के साथ हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल हमें पर्यावरण संरक्षण की अहमियत बताता है, बल्कि यह चेतावनी भी देता है कि अब और देरी नहीं की जा सकती। 2025 का विश्व पर्यावरण दिवसप्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” विषय पर केंद्रित है, जो आज के समय की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक बन चुकी है।

प्लास्टिक: सुविधा से विनाश तक

आज हमारा जीवन प्लास्टिक पर बहुत अधिक निर्भर हो गया है। पानी की बोतल, खाने के डिब्बे, किचन में उपयोग होने वाले थैले, बच्चों के खिलौने, चिकित्सा उपकरण – हर जगह प्लास्टिक ने अपनी जगह बना ली है। यह सस्ता, टिकाऊ और आसानी से उपलब्ध होता है, लेकिन इसका विनाशकारी पक्ष हम नजरअंदाज कर रहे हैं।

डॉ. (सुश्री) शरद सिंह के अनुसार, "हम प्लास्टिक और उसके कचरे से घिरे हुए हैं। एक छोटी-सी सुविधा हमारी ज़िंदगी का गला घोंट रही है।" उनके इस कथन से यह स्पष्ट होता है कि प्लास्टिक सुविधा नहीं, एक धीमा ज़हर बनता जा रहा है।

क्या आप जानते हैं कि हर साल इतना प्लास्टिक कचरा फैलाया जा रहा है कि उससे धरती के चार घेरे बनाए जा सकते हैं? महासागरों में प्रतिवर्ष अनुमानित 8.5 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर यही रफ्तार रही तो 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक होगा। यह स्थिति न सिर्फ समुद्री जीवन के लिए, बल्कि मानव जाति के लिए भी विनाशकारी होगी।

प्लास्टिक का प्रभाव: शरीर, जलवायु और पारिस्थितिकी

प्लास्टिक में प्रयुक्त रसायन जैसे बिस्फेनोल A (BPA), फथेलेट्स आदि, शरीर के हार्मोन संतुलन को बिगाड़ते हैं, जिससे कैंसर, प्रजनन संबंधी समस्याएं और अन्य रोग जन्म लेते हैं।

डॉ. शरद सिंह कहती हैं कि, “जब हम प्लास्टिक को जलाते हैं, तो उससे ‘ब्लैक कार्बन’ नामक जहरीली गैस निकलती है जो CO से 5000 गुना ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग क्षमता रखती है।”

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों में प्रतिदिन सैकड़ों टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जो हवा, पानी और मिट्टी – तीनों को जहरीला बना रहा है। खेतों की मिट्टी में भी अब माइक्रोप्लास्टिक मिल रहे हैं, जो खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर चुके हैं।

डॉ. नीलिमा पिंपलापुरे का मानना है कि "हम अपने विकास की दौड़ में पर्यावरणीय संतुलन को खो रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि पर्यावरण की रक्षा करना दरअसल मानव जीवन की रक्षा करना है।"

वैश्विक प्रयास: कोरिया गणराज्य की भूमिका

इस वर्ष का वैश्विक आयोजन कोरिया गणराज्य द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जो पहले भी 1997 में "पृथ्वी पर जीवन के लिए" विषय पर इसकी मेजबानी कर चुका है।

कोरिया का "पूर्ण जीवन चक्र प्लास्टिक रणनीति" मॉडल दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। यह रणनीति प्लास्टिक के उत्पादन, उपयोग, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण के हर चरण को शामिल करती है। वर्ष 2040 तक जेजू प्रांत को प्लास्टिक मुक्त बनाने का लक्ष्य कोरिया की दूरदर्शिता को दर्शाता है।

 समाधान की ओर कदम

प्लास्टिक प्रदूषण एक ऐसा संकट है, जिसका समाधान मौजूद है – बशर्ते हम अपने व्यवहार और आदतों को बदलें।

डॉ. नीलिमा पिंपलापुरे कहती हैं कि “जब तक हम स्वयं अपने जीवनशैली में बदलाव नहीं लाते, तब तक किसी नीति या अभियान का असर नहीं हो सकता।”

यूनाइटेड नेशंस इन्वायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) ने इस वर्षबीट प्लास्टिक पॉल्यूशन” अभियान के तहत दुनियाभर में जागरूकता और स्थानीय समाधान पर बल दिया है।

हमें निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए:

·         "Say No to Plastic"सिंगल यूज़ प्लास्टिक जैसे पॉलीथिन, स्ट्रॉ और थर्माकोल के उपयोग से बचें।

·         पुनः उपयोग (Reuse) और पुनर्चक्रण (Recycle) को अपनी आदत बनाएं।

·         कपड़े या जूट के थैलों का प्रयोग करें।

·         घरेलू स्तर पर कचरे का पृथक्करण करें।

·         सार्वजनिक परिवहन, साइकल या पैदल चलने जैसी हरित जीवनशैली अपनाएं।

  जन सहभागिता और शिक्षा: पर्यावरणीय चेतना का आधार

पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। जब समाज के सभी वर्ग—बच्चे, युवा, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक—सक्रिय रूप से पर्यावरणीय कार्यों में भाग लेते हैं, तभी स्थायी और प्रभावी परिवर्तन संभव हो पाता है।

शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय समुदायों में आयोजित किए जाने वाले पौधारोपण, सफाई अभियान, प्लास्टिक उन्मूलन रैलियाँ, नुक्कड़ नाटक, वाद-विवाद और पोस्टर प्रतियोगिताएँ लोगों में पर्यावरण के प्रति न केवल जागरूकता बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें जिम्मेदार व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित भी करती हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 हमें यह गंभीर आत्ममंथन करने का अवसर देता है कि क्या हम अपनी सुविधा और आधुनिक जीवनशैली के चलते पर्यावरण की अनदेखी कर रहे हैं। यदि हम सच में चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियाँ एक स्वच्छ, सुरक्षित और जीवनदायक पृथ्वी पर सांस लें, तो अब हमें केवल बातों से नहीं, बल्कि ठोस कार्यों से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। आइए, हम सभी यह संकल्प लें कि प्लास्टिक को 'ना' कहकर, प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवन जीकर और हर स्तर पर पर्यावरण की रक्षा कर के, हम आज से ही बदलाव की शुरुआत करें, यही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुंदर और सुरक्षित धरोहर होगी।

The News Grit, 05/06/2025

Comments

Popular posts from this blog

"युवा उत्सव: रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय में छात्रों का शानदार प्रदर्शन"!!!

     रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय, सागर में 25/10/2024 को युवा उत्सव का समापन हुआ, जिसमें कई छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस उत्सव के दौरान, गीत गायन, रंगोली, कविता गायन जैसी कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जहां छात्रों ने अपनी कलात्मकता का परिचय दिया।      इस अवसर पर, विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने छात्रों को प्रोत्साहन देने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से पुरस्कार प्रदान किए। प्रतियोगिताओं में शामिल छात्रों ने अपने हुनर से सभी को प्रभावित किया, जिससे उनकी मेहनत और लगन का पता चला।      युवा उत्सव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनकी प्रतिभा दिखाने का मौका देना था, जिससे उनका मनोबल बढ़े और वे आगे चलकर अपने सपने पूरे कर सकें। इस उत्सव ने सभी को एक साथ मिलकर मनोहारी पल बिताने का अवसर प्रदान किया और कैम्पस में एक उत्सव जैसा माहौल बना दिया।      समापन समारोह में मुख्य अतिथि ने छात्रों की कल्पना और सृजनशीलता की प्रशंसा की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उत्सव की सफलता के लिए विश्वविद्यालय की समस्त टीम ...

राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में रानी दुर्गावती महाविद्यालय में आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम!!

बालाघाट – रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा में इस वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसंबर) के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (MPCST) और राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (NCSTC) द्वारा प्रायोजित किया गया है। श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर उनके गणित के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदानों को समर्पित यह आयोजन 19 और 20 दिसंबर को होगा। प्राचार्य डॉ. एल एल घोरमारे ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि 19 दिसंबर को गणित के क्षेत्र में श्रीनिवास रामानुजन के योगदानों पर आधारित कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इनमें पोस्टर प्रेजेंटेशन, प्रश्नमंच, और भाषण प्रतियोगिता शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को गणित की महत्ता और श्रीनिवास रामानुजन की खोजों के बारे में जानकारी मिलेगी। 20 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन इतिहास और उनके योगदान पर एक विशिष्ट अतिथि द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, उनके जीवन और कार्यों पर आधारित एक वृत्...

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम: रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में सफल आयोजन!!

दिनांक 20 जनवरी 2025 को रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा के वनस्पति विभाग द्वारा एक उल्लेखनीय स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अरण्य भारतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बैहर के 35 विद्यार्थी और प्राध्यापकगण शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल. एल. घोरमारे द्वारा स्टूडेंट एक्सचेंज गतिविधियों के महत्व पर जानकारी देने से हुई। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ. अरुण वैद्य ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों को साझा किया। वनस्पति विभाग की प्रमुख डॉ. जय श्री सूर्यवंशी ने माइक्रोऑर्गेनिज़्म कल्चर और प्रयोगशाला उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी क्रम में बैहर महाविद्यालय की डॉ. पूजा गुप्ता ने क्यूआर कोड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया। भौतिक शास्त्र विभाग से श्रीमती रंजना कुशवाहा ने शैक्षणिक गतिविधियों के विकास में इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में छात्रों के बीच आपसी ज्ञान-विनिमय के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेशन सत्र आयोजित किए गए। रा...