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Showing posts from May, 2025

पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

इंदौर में मेट्रो की सवारी - स्वच्छता के बाद सुविधा की बारी!!!!

भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। यह शहर सिर्फ सफाई , अनुशासन और नागरिक सहभागिता के लिए नहीं , बल्कि आधुनिक शहरी विकास और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी देश का नेतृत्व करने लगा है। अब इंदौर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है -  मेट्रो रेल सेवा की शुरुआत। 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भोपाल से वर्चुअली इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर यात्री सेवा का शुभारंभ किया। यह दिन न केवल इंदौर के लिए , बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव का क्षण रहा। क्या है सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर ? इंदौर मेट्रो का सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर लगभग 6 किलोमीटर लंबा है और यह येलो लाइन का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह कॉरिडोर शहर के सबसे तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र - सुपर कॉरिडोर - में बनाया गया है , जो कि शहरी विस्तार और औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है। इस कॉरिडोर से मेट्रो सेवा की शुरुआत होने से शहर के लाखों नागरिकों को एक तेज़ , सुगम और विश्वसनीय यात्रा सुविधा मिलेगी। इस कॉरिडोर में कुल 5 स्टेशन शामिल हैं: 1. ...

मध्यप्रदेश को रेल संपर्क का नया तोहफा तीन नई ट्रेनों से विकास, यात्रा को मिलेगा बढ़ावा!!!!

मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए मई 2025 के अंतिम सप्ताह में एक बेहद उत्साहजनक घोषणा सामने आई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में राज्य को तीन नई ट्रेन सेवाओं की सौगात देने की बात कही , जो आने वाले महीने जून में शुरू की जाएगी। ये ट्रेनें न केवल राज्य के भीतर और बाहर के प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ेंगी , बल्कि इससे शिक्षा , रोजगार , व्यापार और पर्यटन को भी अभूतपूर्व गति मिलेगी। तीन नई ट्रेनें मध्यप्रदेश से देश के तीन प्रमुख राज्यों की कनेक्टिविटी रेल मंत्री द्वारा घोषित तीन नई ट्रेनें हैं – रीवा से पुणे , जबलपुर से रायपुर और ग्वालियर से बेंगलुरु। इन सभी सेवाओं को केंद्र सरकार की ' संपर्क और समावेशन ' नीति का हिस्सा माना जा सकता है , जिसका उद्देश्य है छोटे और मध्यम शहरों को बड़े शैक्षणिक , औद्योगिक और तकनीकी केंद्रों से जोड़ना। 1.  रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे सेवा – शिक्षा और रोजगार की ओर एक आसान रास्ता रीवा और सतना जैसे शहरों के छात्र वर्षों से पुणे की ओर उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। अब जब सीधी ट्रेन सेवा शुरू होगी , तो न केवल छात्रों को राहत मिलेगी ,...

खंडवा में महिला के साथ क्रूर अत्याचार की घटना!!!!

मध्यप्रदेश के खंडवा ज़िले से हाल ही में सामने आई एक बेहद दर्दनाक और क्रूर घटना ने पूरे समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। यह सिर्फ एक आपराधिक वारदात नहीं है , बल्कि हमारे सभ्य कहे जाने वाले समाज के भीतर छुपी बर्बरता का नग्न रूप है। 45 वर्षीय एक आदिवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिस अमानवीयता से उसकी देह को क्षत-विक्षत किया गया , वह न केवल हमारे कानून तंत्र बल्कि सामाजिक नैतिकता की भी खुली विफलता है। घटना का वर्णन: निर्भया की भयावह पुनरावृत्ति ? दिनांक 23 मई 2025 की रात खंडवा के इतवा गांव में यह वीभत्स घटना घटित हुई। पीड़िता अपने गाँव के पास ही एक विवाह समारोह से लौट रही थी , जब दो पड़ोसी युवक - हरि ( 40) और सुनील ( 35), जो उसी कोरकू आदिवासी समुदाय से हैं - उसे बहलाकर हरि के घर ले गए। वहाँ दोनों ने उसके साथ न केवल दुष्कर्म किया , बल्कि उसे ऐसी शारीरिक और मानसिक पीड़ा दी जो किसी अत्यंत क्रूर कांड से कम नहीं। पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट और आरोपियों से पूछताछ में जो तथ्य सामने आए , वे दिल दहला देने वाले हैं। आरोप है कि हरि ने यौन अत्याचार की सीमा पार करते हुए महिला के privat...

प्राकृतिक खेती अपनाएं, रासायनिक उर्वरकों से दूरी बनाएँ!!!!

सागर जिले में कृषि के क्षेत्र में एक नई पहल की गई है, जिसका उद्देश्य है किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और खेती की आधुनिक तकनीकों को प्रोत्साहित करना। इस दिशा में कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. के नेतृत्व में कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। प्राकृतिक खेती और हाइड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स की ओर बढ़ते कदम कलेक्टर संदीप जी.आर. ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से न केवल मिट्टी उर्वरता नष्ट होती है, बल्कि यह फसलों की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डालता है। इसके स्थान पर यदि किसान जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाएं, तो उन्हें बेहतर उत्पादन के साथ-साथ अच्छे दाम भी प्राप्त हो सकते हैं। उन्होंने हाइड्रोपोनिक माइक्रोग्रीन्स योजना का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह तकनीक कम पानी में अधिक उपज देने में सक्षम है। इसमें न तो मिट्टी की आवश्यकता होती है और न ही अधिक भूमि की। यह प्रणाली विशेष रूप से शहरी या सीमित स्थानों वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श है। कलेक्टर ने जानक...

आधुनिक तकनीक से खेती में नया उजाला सागर जिले के किसानों की प्रेरणादायक कहानियाँ!!!!

भारत में कृषि केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर भी है। आज जब जलवायु परिवर्तन, सीमित जल संसाधन और पारंपरिक खेती की चुनौतियाँ किसानों के सामने हैं, ऐसे समय में सरकारी योजनाएँ और आधुनिक तकनीकें नई आशा की किरण बनकर उभरी हैं। मध्यप्रदेश के सागर जिले से चार ऐसे किसानों की कहानियाँ सामने आई हैं जिन्होंने इन संसाधनों का समुचित उपयोग कर खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदला है। ये कहानियाँ केवल सफलता की नहीं, बल्कि परिवर्तन, संकल्प और सतत विकास की प्रेरणा भी हैं। नंदकिशोर पटैल – शेडनेट हाउस से मिली 4 लाख की शुद्ध आय जिला सागर के ग्राम हफसिली के निवासी नंदकिशोर पटैल ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत शेडनेट हाउस की स्थापना की और उसमें खीरे की खेती कर अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की। शेडनेट हाउस की सहायता से उन्होंने फसल को प्राकृतिक आपदाओं और कीटों से सुरक्षित रखा, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ। उनकी कुल आय 5 लाख रुपये रही, जिसमें से शुद्ध लाभ 4 लाख रुपये रहा। नंदकिशोर पटैल की यह कहानी यह दिखाती है कि यदि किसान योजनाओं की सही जानकारी लेकर उन्हे...

1976 का सबीना पार्क टेस्ट: जब क्रिकेट के मैदान पर साहस और हिंसा आमने-सामने थे!!!!

क्रिकेट को अक्सर "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है , लेकिन 21 से 25 अप्रैल 1976 के बीच जमैका के सबीना पार्क में खेले गए भारत और वेस्ट इंडीज के बीच चौथे टेस्ट मैच ने इस धारणा को गहराई से चुनौती दी। यह मैच न केवल वेस्ट इंडीज की आक्रामक गेंदबाजी रणनीति के लिए , बल्कि भारतीय बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़ की अद्वितीय साहसिक पारी के लिए भी याद किया जाता है। पृष्ठभूमि: पोर्ट ऑफ स्पेन की ऐतिहासिक जीत इस टेस्ट से पहले , भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में 403 रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेज़ करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। इस जीत ने वेस्ट इंडीज की क्रिकेट बादशाहत को चुनौती दी और कप्तान क्लाइव लॉयड को गहरी चिंता में डाल दिया। उन्होंने अपने गेंदबाजों से तीखे शब्दों में कहा , " आखिर कितना स्कोर बना कर दें कि तुम लोग डिफेंड कर पाओ ?"   इस बयान ने आगामी टेस्ट में वेस्ट इंडीज की आक्रामक रणनीति की नींव रखी। सबीना पार्क: एक युद्धभूमि 21 अप्रैल 1976 को शुरू हुए चौथे टेस्ट मैच से पहले सीरीज़ में दोनों देश 1-1 से बराबर थे. वेस्ट इंडीज़ उस वक्त 1975 की वर्ल्ड चैंपियन थी। तब वेस्ट इंडीज़ के...