Skip to main content

ब्रह्मांड की शुरुआती आवाजे सुनने में एक छोटे कंप्यूटर की बड़ी भूमिका!!

हवाई हमले की तैयारी मॉक ड्रिल से होगा सुरक्षा तंत्र का परीक्षण!!!!

देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। जब बाहरी या आतंकी खतरों की आशंका बढ़ती है, तब केवल सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं, नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करना आवश्यक हो जाता है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल देहला देने वाले आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरे देश में व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) कराने का निर्णय लिया है।

इस निर्णय के तहत 7 मई को विभिन्न राज्यों में आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा पर केंद्रित मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को संकट की स्थिति में प्रशिक्षित करना, प्रशासन की तैयारियों को परखना और समन्वय को मजबूत करना है।

मॉक ड्रिल क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों?

मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित सुरक्षा अभ्यास है, जिसमें आपातकालीन या संकट की एक काल्पनिक स्थिति तैयार की जाती है। जैसे-हवाई हमला, आतंकी हमला, आग लगना, विस्फोट या भूकंप आदि। इसके माध्यम से प्रशासन, सुरक्षा बल और नागरिक मिलकर यह अभ्यास करते हैं कि ऐसी परिस्थिति आने पर हमें क्‍या करना चाहिए और कौन क्या करेगा।

यह अभ्यास इसलिए जरूरी होता है ताकि—

जनता में डर या भ्रम की स्थिति न हो, सभी विभाग समय रहते समन्वय कर सकें, कमियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सके, नागरिकों में जागरूकता और आत्मविश्वास बना रहे।

कानूनी और संस्थागत आधार: नागरिक सुरक्षा का विधिसम्मत ढांचा

नागरिक सुरक्षा (Civil Defense) भारत की आंतरिक सुरक्षा का एक अभिन्न अंग है, इस कार्य के लिए देश में "सिविल डिफेंस अधिनियम, 1968" प्रभावी रूप से लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत नागरिकों की जान-माल की रक्षा, राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा तथा आपदा या युद्ध जैसी आपात परिस्थितियों में जनता को सुरक्षित रखने की योजनाएं बनाई जाती हैं। यह अधिनियम राज्यों को यह अधिकार और उत्तरदायित्व प्रदान करता है कि वे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार नागरिक सुरक्षा योजनाएं तैयार करें, उनका निरंतर परीक्षण, मूल्यांकन और संशोधन करें, और संकट की घड़ी में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्रवाई करें। इसके अंतर्गत पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन, संचार और अन्य सेवाओं का एकीकृत ढांचा बनाया जाता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार समय-समय पर राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करती है कि किस प्रकार से मॉक ड्रिल्स, प्रशिक्षण और जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इस प्रकार, सिविल डिफेंस अधिनियम केवल एक कानूनी प्रावधान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को जमीनी स्तर पर लागू करने का संस्थागत तंत्र भी है, जो आपदा प्रबंधन, आतंकी खतरों और युद्धकालीन स्थितियों में जन-जीवन को संरक्षित रखने की व्यवस्था करता है।

7 मई की मॉक ड्रिल की विशेषताएं और प्रक्रिया

केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार देश के प्रमुख राज्यों में 7 मई को मॉक ड्रिल की जा रही है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं कटनी जिलों में यह अभ्यास सायं 4 बजे से 8 बजे तक होगा। इस अभ्यास में विशेष रूप से हवाई हमले की स्थिति को काल्पनिक रूप में दर्शाया जाएगा, जिसमें-

·         एयर रेड सायरन बजेगा

·         ब्लैकआउट की स्थिति का अभ्यास किया जाएगा

·         सुरक्षा बल, पुलिस, रेलवे, स्वास्थ्य विभाग, एयरपोर्ट प्रशासन आदि की भागीदारी होगी

·         किसी एक निर्धारित स्थान पर आग लगने व नागरिकों को बचाने का अभ्यास किया जाएगा

·         अस्थाई अस्पताल बनाने और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने जैसी गतिविधियां होंगी

·         पूरे अभ्यास की जानकारी कंट्रोल रूम के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार को भेजी जाएगी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान एकजुटता का संदेश

मॉक ड्रिल को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा-

"माननीय गृह मंत्री के निर्देश अनुसार मॉक ड्रिल होना आवश्यक है। देश का जो वातावरण है, उसे देखते हुए हम सबको तैयार रहना होगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट है और हम पूरी ताकत के साथ दुश्मनों से निपटने में सक्षम हैं। सेना को संसाधन देकर मजबूत किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार की व्यवस्थाएं पूरी तरह से मुस्तैद हैं। प्रधानमंत्री जी देश का मनोबल बनाए हुए हैं और आज पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है।"

सायरन संकेत और नागरिकों की भूमिका

·         हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों को दो प्रकार के सायरन सुनाई देंगे-

·         खतरे का संकेत: दो मिनट तक ऊँची-नीची आवाज में सायरन

·         खतरा समाप्त होने का संकेत: दो मिनट तक सामान्य सायरन की आवाज

इस दौरान नागरिकों से अपेक्षा है कि-

·         अपने घर, कार्यालय, दुकानों की लाइटें बंद करें, पर्दे गिराएं

·         खिड़कियों से बाहर न देखें,

·         सड़क पर भीड़ न लगाएं,

·         पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि सेवाओं को कार्य करने में सहयोग करें

·         सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाएं, केवल सरकारी सूचना पर ही विश्वास करें

राष्ट्रीय सुरक्षा में नागरिकों की भागीदारी

मॉक ड्रिल जैसे कार्यक्रम यह दर्शाते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सीमा पर खड़े सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी से ही एक सुरक्षित और सशक्त भारत का निर्माण होता है। संकट की घड़ी में तैयार रहना, धैर्य रखना और प्रशासन का सहयोग करना ही सच्ची नागरिक सुरक्षा है।

भारत सरकार द्वारा आयोजित यह मॉक ड्रिल एक महत्वपूर्ण और समयोचित पहल है। यह आतंकी हमलों के प्रति हमारी सजगता, प्रशासन की तत्परता और नागरिकों की जागरूकता को दर्शाती है। हमें समझना होगा कि आपदा या आतंकी खतरे के समय केवल तकनीकी तैयारियां नहीं, बल्कि सामूहिक उत्तरदायित्व और अनुशासन ही सबसे बड़ा हथियार होता है।

संदेश:

"सतर्क नागरिक, सुरक्षित राष्ट्र!"

"तैयारी ही सुरक्षा है, अभ्यास ही आत्मबल है!"

The News Grit, 07/05/2025

Comments

Popular posts from this blog

"युवा उत्सव: रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय में छात्रों का शानदार प्रदर्शन"!!!

     रानी अवंती बाई लोधी विश्वविद्यालय, सागर में 25/10/2024 को युवा उत्सव का समापन हुआ, जिसमें कई छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस उत्सव के दौरान, गीत गायन, रंगोली, कविता गायन जैसी कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जहां छात्रों ने अपनी कलात्मकता का परिचय दिया।      इस अवसर पर, विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने छात्रों को प्रोत्साहन देने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से पुरस्कार प्रदान किए। प्रतियोगिताओं में शामिल छात्रों ने अपने हुनर से सभी को प्रभावित किया, जिससे उनकी मेहनत और लगन का पता चला।      युवा उत्सव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनकी प्रतिभा दिखाने का मौका देना था, जिससे उनका मनोबल बढ़े और वे आगे चलकर अपने सपने पूरे कर सकें। इस उत्सव ने सभी को एक साथ मिलकर मनोहारी पल बिताने का अवसर प्रदान किया और कैम्पस में एक उत्सव जैसा माहौल बना दिया।      समापन समारोह में मुख्य अतिथि ने छात्रों की कल्पना और सृजनशीलता की प्रशंसा की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उत्सव की सफलता के लिए विश्वविद्यालय की समस्त टीम ...

राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में रानी दुर्गावती महाविद्यालय में आयोजित होगा भव्य कार्यक्रम!!

बालाघाट – रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा में इस वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसंबर) के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (MPCST) और राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (NCSTC) द्वारा प्रायोजित किया गया है। श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर उनके गणित के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदानों को समर्पित यह आयोजन 19 और 20 दिसंबर को होगा। प्राचार्य डॉ. एल एल घोरमारे ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि 19 दिसंबर को गणित के क्षेत्र में श्रीनिवास रामानुजन के योगदानों पर आधारित कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इनमें पोस्टर प्रेजेंटेशन, प्रश्नमंच, और भाषण प्रतियोगिता शामिल हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को गणित की महत्ता और श्रीनिवास रामानुजन की खोजों के बारे में जानकारी मिलेगी। 20 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन इतिहास और उनके योगदान पर एक विशिष्ट अतिथि द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, उनके जीवन और कार्यों पर आधारित एक वृत्...

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम: रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा में सफल आयोजन!!

दिनांक 20 जनवरी 2025 को रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा के वनस्पति विभाग द्वारा एक उल्लेखनीय स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय अरण्य भारतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बैहर के 35 विद्यार्थी और प्राध्यापकगण शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल. एल. घोरमारे द्वारा स्टूडेंट एक्सचेंज गतिविधियों के महत्व पर जानकारी देने से हुई। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ. अरुण वैद्य ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से मिलने वाले लाभों को साझा किया। वनस्पति विभाग की प्रमुख डॉ. जय श्री सूर्यवंशी ने माइक्रोऑर्गेनिज़्म कल्चर और प्रयोगशाला उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसी क्रम में बैहर महाविद्यालय की डॉ. पूजा गुप्ता ने क्यूआर कोड इंटर्नशिप प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्रों को नई तकनीकों से अवगत कराया। भौतिक शास्त्र विभाग से श्रीमती रंजना कुशवाहा ने शैक्षणिक गतिविधियों के विकास में इस प्रकार के कार्यक्रमों की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में छात्रों के बीच आपसी ज्ञान-विनिमय के साथ-साथ डेमोंस्ट्रेशन सत्र आयोजित किए गए। रा...