बचपन का शुरुआती समय यानी जीवन के पहले 6 साल बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए सबसे अहम होता है। इस दौरान बच्चे का दिमाग तेज़ी से विकसित होता है – लगभग 85% मस्तिष्क विकास 6 साल की उम्र से पहले ही पूरा हो जाता है। इसलिए, इस उम्र में बच्चों को अच्छी देखभाल और शिक्षा देना बहुत ज़रूरी है। इसी सोच के साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) की नींव रखी गई है।
ECCE (Early Childhood Care and Education) का अर्थ है – प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा। 1975 से भारत में ECCE (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा) की नींव आईसीडीएस (समेकित बाल विकास सेवा) कार्यक्रम के माध्यम से रखी गई, जिसके तहत आंगनवाड़ियों के जरिए छोटे बच्चों को देखभाल, पोषण और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जाती रही है। यह व्यवस्था बच्चों के समग्र विकास के उद्देश्य से कार्यरत रही। इसके कई दशकों बाद, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) ने ECCE को भारत की औपचारिक शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करते हुए, इसे बुनियादी शिक्षा का अनिवार्य आधार घोषित किया। इस नीतिगत बदलाव ने ECCE को केवल पोषण और देखभाल तक सीमित न रखते हुए, संगठित और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा के रूप में पुनर्परिभाषित किया।
ECCE क्यों
ज़रूरी है?
भारत में आज भी
कई बच्चे ऐसे हैं जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। इन
बच्चों को अच्छी शिक्षा की शुरुआत का मौका नहीं मिल पाता। अगर उन्हें ECCE
के ज़रिए सही समय पर मदद दी जाए तो वे भी आगे चलकर पढ़ाई में अच्छे
बन सकते हैं। ECCE से सभी बच्चों को बराबरी का मौका मिलता है
और समाज में समानता लाने में मदद मिलती है।
ECCE में
क्या-क्या शामिल है?
ECCE कोई
सिर्फ पढ़ाई लिखाई नहीं है, बल्कि यह एक खेल-आधारित,
गतिविधि-आधारित और खोज पर आधारित शिक्षा
पद्धति है। इसमें बच्चों को खेल, कहानियां, कविताएं, चित्रकारी, नृत्य,
संगीत, कठपुतली, ड्रम-वादन,
इंडोर और आउटडोर खेलों से सिखाया जाता है। साथ ही, बच्चों को अच्छे व्यवहार, साफ-सफाई, नैतिकता, सहानुभूति, समूह में
मिलकर काम करना और सामाजिक समझ भी सिखाई जाती है।
इसका
उद्देश्य है:
·
शारीरिक और मानसिक
विकास
·
बोलचाल और भाषा का
विकास
·
सोचने और समस्या
सुलझाने की क्षमता का विकास
·
संस्कृतिक और नैतिक
मूल्यों का विकास
ECCE का पाठ्यक्रम और ढांचा
NCERT
0-8 साल के बच्चों के लिए दो हिस्सों में पाठ्यक्रम बनाएगा:
0-3 साल
के बच्चों के लिए एक हिस्सा
3-8 साल
के लिए दूसरा हिस्सा
इस पाठ्यक्रम
में भारत की स्थानीय परंपराएं, जैसे
लोकगीत, कहानियां, पारंपरिक खेल आदि को
भी शामिल किया जाएगा। इससे बच्चों को अपनी संस्कृति से भी जुड़ाव होगा।
ECCE की
पहुँच और कार्यान्वयन
सरकार का
उद्देश्य है कि ECCE की अच्छी सुविधाएं
देश के हर कोने में मिलें, खासकर पिछड़े और आदिवासी
इलाकों में। इसके लिए चार तरह से ECCE को लागू किया जाएगा:
·
अकेले चल रहे
आंगनवाड़ी केंद्रों से
·
प्राथमिक स्कूलों के
साथ स्थित आंगनवाड़ी से
·
पूर्व-प्राथमिक
स्कूलों और प्राथमिक स्कूलों के साथ मिलाकर
·
अलग से चलने वाले
प्री-स्कूलों से
इन संस्थानों
में ECCE
का वही पाठ्यक्रम और प्रशिक्षित शिक्षक होंगे।
"बालवाटिका" की अवधारणा
5 साल
की उम्र तक हर बच्चे को एक विशेष कक्षा में
भेजा जाएगा जिसे "बालवाटिका"
कहा जाएगा। यह कक्षा पहली कक्षा से पहले होगी। यहां पढ़ाई पूरी तरह खेलों पर
आधारित होगी, जिससे बच्चों के
मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास के साथ-साथ शुरुआती
पढ़ाई और गिनती की समझ भी विकसित की जाएगी। साथ ही, मिड-डे
मील (दोपहर का भोजन) और स्वास्थ्य जांच जैसी सुविधाएं भी
इन कक्षाओं में मिलेंगी।
ECCE शिक्षकों
का प्रशिक्षण
ECCE में
काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को अच्छी ट्रेनिंग दी जाएगी।
जिनके पास 12वीं पास जैसी योग्यता है, उन्हें 6 महीने का ECCE कोर्स कराया
जाएगा।
कम पढ़े-लिखे
लोगों को 1 साल का डिप्लोमा कोर्स
कराया जाएगा।
ये कोर्स
डिजिटल माध्यम जैसे टीवी चैनल या स्मार्टफोन से भी चलाए जा सकते हैं।
इन शिक्षकों
को आगे भी समय-समय पर ट्रेनिंग मिलती रहेगी ताकि वे नई चीजें सीखते रहें।
आदिवासी
क्षेत्रों में ECCE
ECCE को
आदिवासी क्षेत्रों की आश्रमशालाओं (आवासीय स्कूलों) में भी लागू किया जाएगा,
जिससे वहां के बच्चों को भी बराबरी की शिक्षा मिले।
ECCE के
संचालन की ज़िम्मेदारी
ECCE को
लागू करने और संचालन की ज़िम्मेदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की होगी,
जो अन्य मंत्रालयों जैसे:
·
महिला और बाल विकास
मंत्रालय
·
स्वास्थ्य और परिवार
कल्याण मंत्रालय
·
जनजातीय कार्य
मंत्रालय
प्रारंभिक
बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) एक ऐसा
मजबूत कदम है जो देश के हर बच्चे को अच्छी शुरुआत, बेहतर
स्वास्थ्य, सही व्यवहार और आनंददायक तरीके से सीखने का अवसर
देता है। यह भारत को एक समान और सक्षम समाज बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। ECCE
एक ऐसी पहल है, जो
आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को उज्ज्वल बना सकता है।
The News Grit, 09/06/2025
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