लाड़ली बहनों को सौगात देने के लिए सरकार ने फिर कर्ज का रास्ता चुना
🔹27 जुलाई 2025
रक्षाबंधन पर मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों को 250 रुपए की अतिरिक्त राशि देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज 4300 करोड़ रुपए का होगा, जो 30 जुलाई को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिए उठाया जाएगा। यह जुलाई माह का दूसरा बड़ा कर्ज होगा, क्योंकि इससे पहले सरकार 8 जुलाई को 4800 करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही ले चुकी है। इस तरह सिर्फ जुलाई माह में ही सरकार 9100 करोड़ रुपए का कर्ज उठा चुकी होगी।
🔹 कर्ज की नई किस्त: 17 और 23 साल की अवधि वाले दो कर्ज
राज्य सरकार द्वारा लिया जा रहा यह कर्ज दो हिस्सों में होगा – 2000 करोड़ और 2300 करोड़ रुपए। इन दोनों कर्जों की अवधि क्रमशः 17 साल और 23 साल की होगी। सरकार इसे 29 जुलाई को नीलामी के ज़रिए उठाएगी और 30 जुलाई को कर्ज राशि मिल जाएगी।
इस तरह मध्यप्रदेश पर कुल सरकारी कर्ज का भार बढ़कर ₹4.40 लाख करोड़ (₹440340 करोड़) के पार चला जाएगा।
🔹 मई, जून और जुलाई – कर्ज की लहर
तारीख राशि (₹ करोड़ में) अवधि
7 मई 2500 + 2500 = 5000 12 और 14 साल
4 जून 2000 + 2500 = 4500 16 और 18 साल
8 जुलाई 4800 विविध
3 जुलाई 4300 17 और 23 साल
👉 इन सब कर्जों की अदायगी सरकार RBI के ज़रिए सरकारी सिक्योरिटीज बेचकर कर रही है। ब्याज का भुगतान हर साल दो बार कूपन रेट के रूप में किया जाएगा।
🔹 लाड़ली बहना योजना – जन कल्याण या आर्थिक दबाव?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में ऐलान किया कि रक्षाबंधन पर्व पर विशेष तौर पर लाड़ली बहनों को 250 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। यह राशि हर महीने की ₹1250 की नियमित किश्त से अलग होगी।
🔸 इस घोषणा के चलते सरकार को हर महीने खर्च होने वाले ₹1543 करोड़ के अलावा ₹317.50 करोड़ अतिरिक्त देने होंगे।
यह राशि अगस्त के पहले सप्ताह में राज्य की 1.27 करोड़ बहनों के खातों में DBT के जरिए ट्रांसफर की जाएगी।
🔹 12 जुलाई को भी हुई थी बड़ी ट्रांज़ैक्शन
गौरतलब है कि 12 जुलाई को सरकार ने पहले ही ₹1543.16 करोड़ की राशि लाड़ली बहनों के खातों में ट्रांसफर की थी।
इसमें से 30 लाख से अधिक बहनों को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत ₹46.34 करोड़ की सब्सिडी भी दी गई थी।
जिन बहनों को उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर,सब्सिडी मिली, उन्हें बाकी राशि लाड़ली बहना योजना के तहत दी गई।
🔹 राजस्व सरप्लस का दावा, लेकिन लगातार कर्ज
प्रदेश सरकार का दावा है कि वह राजस्व सरप्लस में है। वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य ने ₹12487.78 करोड़ का राजस्व अधिशेष बताया।
• राजस्व आय: ₹234026.05 करोड़
• राजस्व व्यय: ₹221538.27 करोड़
2024-25 के लिए भी अनुमानित रूप से ₹1025.91 करोड़ का सरप्लस बताया गया है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि राज्य को सामाजिक योजनाओं के लिए लगातार भारी-भरकम कर्ज उठाना पड़ रहा है।
🔹 विशेष विश्लेषण: क्या यह लोकलुभावन योजना है या निवेश भविष्य का?
लाड़ली बहना योजना जैसे सामाजिक कार्यक्रम राज्य के सामाजिक ढांचे में बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं, खासकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के मामले में। लेकिन इन योजनाओं की वित्तीय स्थिरता तब प्रश्नचिह्न के घेरे में आ जाती है जब इन्हें चलाने के लिए बार-बार राज्य को कर्ज उठाना पड़े।
जबकि एक ओर सरकार राजस्व अधिशेष का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे सामाजिक वितरण के लिए भारी-भरकम कर्ज लेना पड़ रहा है।
🔹 आख़िर में सवाल यही है – कर्ज का बोझ कितना टिकाऊ?
राज्य की वित्तीय स्थिति पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सामाजिक योजनाओं को चलाने के लिए बार-बार कर्ज का सहारा लेना पड़े, तो यह दीर्घकालीन विकास और बजट प्रबंधन के लिए खतरनाक संकेत हो सकते हैं। क्या यह कर्ज समाज में स्थायी बदलाव लाएगा या राज्य की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन बोझ बनेगा? यह सवाल आने वाले महीनों में और भी ज़ोर पकड़ सकता है, खासकर चुनावी माहौल में।
The News Grit, 27/07/2025
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