भारत सरकार डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने और उन्हें तकनीक-सक्षम, पारदर्शी व सुलभ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि डाक विभाग द्वारा पूरे देश में डाक सेवाओं के डिजिटलीकरण, सुव्यवस्थापन और सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए बहुआयामी योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
पासपोर्ट और आधार सेवाएं: घर के पास सुविधाएं
डाक विभाग ने
नागरिकों को पासपोर्ट सेवाएं सुलभ बनाने के लिए अब तक
450 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) स्थापित किए हैं। इससे विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में
पासपोर्ट आवेदन की प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक हो रही है। वहीं, 13,352 से अधिक डाकघरों में आधार सेवाएं शुरू की गई हैं, जिनमें आधार नामांकन, बायोमेट्रिक अपडेट और
जनसांख्यिकीय सुधार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्कूलों और पंचायत भवनों में आधार
शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे घर-घर नामांकन और अपडेट
की सुविधा सुनिश्चित हो रही है।
पार्सल
नेटवर्क को नया रूप
डाक विभाग ने
188 पार्सल हब (79 लेवल-1 और 109 लेवल-2) की स्थापना की
है, जिससे पार्सल नेटवर्क को सुदृढ़ किया गया है। इन
केंद्रों से परिचालन की गति और सटीकता दोनों में सुधार हुआ है। साथ ही, 234
नोडल डिलीवरी सेंटर, जिनमें हर एक 1600
से अधिक पिन कोड को कवर करता है, भारत में वितरित
होने वाले कुल पार्सल का लगभग 30% संभालते हैं। 1408 पार्सल पैकेजिंग इकाइयों के साथ मानकीकृत पैकेजिंग नीति लागू की गई है,
जिससे सामान की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित होती है।
तकनीक
के ज़रिए पारदर्शिता और ट्रैकिंग
ग्राहकों को
बुकिंग और डिलीवरी की स्थिति के बारे में रीयल-टाइम जानकारी देने के लिए मोबाइल
डिलीवरी ऐप और SMS सूचना प्रणाली शुरू
की गई है।
इसके
अतिरिक्त:
·
लेटर बॉक्स की
इलेक्ट्रॉनिक निकासी शुरू की गई है।
·
डाक वाहनों में GPS
ट्रैकिंग लगाई गई है,
जिससे उनकी लाइव स्थिति ट्रैक की जा सकती है।
·
ऑनलाइन बुकिंग
सुविधा भी शुरू की गई है जिससे लोग घर बैठे
पार्सल या डाक सेवा बुक कर सकते हैं।
ग्रामीण
भारत में सेवाएं: अंतिम छोर तक पहुंच
2018 में
शुरू किए गए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के माध्यम से
1.64 लाख से अधिक शाखा डाकघरों को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा गया
है।
1.90 लाख
डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को स्मार्टफोन और
बायोमेट्रिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है, जिससे वे
ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर वित्तीय सेवाएं प्रदान कर सकें।
ग्रामीण भारत
में:
·
ई-मनीऑर्डर
और ई-पोस्टल ऑर्डर जैसी डिजिटल सेवाएं अब इंटरनेट के माध्यम से सरलता से
उपलब्ध हैं।
·
मोबाइल ऐप के माध्यम
से जवाबदेह डाक की रीयल-टाइम डिलीवरी की सूचना ग्राहकों को दी जा रही है।
कानूनी
सुधार: डाकघर अधिनियम 2023
डाकघर
अधिनियम,
2023 को 18 जून 2024 से
लागू कर दिया गया है। यह नया अधिनियम 1898 के पुराने कानून की
जगह लेकर आया है और एक सरलीकृत, डिजिटल और तकनीक-तटस्थ ढांचा
प्रदान करता है। इसका मकसद डिजिटल गवर्नेंस और सेवा वितरण में सुधार करना
है।
मेल
नेटवर्क का आधुनिकीकरण
डाक विभाग ने
मेल नेटवर्क ऑप्टिमाइजेशन प्रोजेक्ट (MNOP) शुरू किया है, जिसमें हब-एंड-स्पोक मॉडल अपनाया गया
है। इस परियोजना के अंतर्गत सॉर्टिंग और मेल प्रोसेसिंग केंद्रों का आधुनिकीकरण किया
गया है, जिससे मेल डिलीवरी तेज और अधिक कुशल हो गई है।
सूचना
प्रौद्योगिकी से सशक्त डाकघर
आईटी
परियोजना 1.0 के अंतर्गत डाकघरों में:
·
कोर सिस्टम
इंटीग्रेटर (CSI)
·
कोर बैंकिंग
सॉल्यूशन (CBS)
·
कोर इंश्योरेंस
सॉल्यूशन (CIS)
जैसी व्यवस्थाओं
की शुरुआत की गई है, जिससे ग्राहक देश के
किसी भी डाकघर से सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए
"दर्पण डिवाइस" (DIGITAL ADVANCEMENT OF RURAL
POSTAL SYSTEM FOR A NEW INDIA) प्रदान की गई है, जिससे गांव-गांव तक डिजिटल सेवा पहुँचे। अब, आईटी
परियोजना 2.0 को भी सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, जो एक बुद्धिमान, एकीकृत और परस्पर जुड़ा डिजिटल
तंत्र तैयार करेगी, जिससे एकीकृत सिंगल विंडो के जरिए सभी
हितधारकों को सेवा मिलेगी।
निवेश
और वित्तीय समावेशन में सहयोग
भारतीय डाक ने
SBI म्यूचुअल फंड और निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड जैसे AMFI सदस्य फंडों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके ज़रिए देश
भर में फैले 1.64 लाख से अधिक डाक कार्यालयों के माध्यम से KYC
दस्तावेज़ एकत्रित किए जा रहे हैं, जो सरकार
की जननिवेश पहल को गति दे रहे हैं।
डाक विभाग
पारंपरिक प्रणाली को आधुनिक और डिजिटल ढांचे में परिवर्तित कर ग्रामीण और शहरी
दोनों भारत के लिए समान रूप से सुलभ, पारदर्शी
और प्रभावी सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा बदलाव ला रहा है। मंत्री डॉ.
पेम्मासानी चंद्रशेखर द्वारा दी गई जानकारी से स्पष्ट है कि भारतीय डाक प्रणाली अब
केवल चिट्ठियों तक सीमित नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया के
स्तंभों में से एक बन चुकी है।
The News Grit, 24/07/2025
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