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नागालैंड में जल सुरक्षा को नई दिशा—मिशन वाटरशेड की शुरुआत!

भारतीय तटरक्षक के लिए दूसरे स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत 'समुद्र प्रचेत' का जलावतरण!!

गोवा, 23 जुलाई भारत की समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को नई मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की गई है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए निर्मित दूसरे और अंतिम स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत (Pollution Control Vessel - PCV) 'समुद्र प्रचेत' का जलावतरण गोवा में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

इस पोत का निर्माण भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारतअभियान के तहत किया गया है, जिसमें लगभग 72% स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है। इसके निर्माण में स्थानीय उद्योगों और MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों) की सक्रिय भागीदारी रही है, जिससे राष्ट्रीय क्षमता निर्माण, रोजगार सृजन और तकनीकी कौशल विकास को भी बल मिला है।

अत्याधुनिक तकनीकों से लैस जहाज

'समुद्र प्रचेत' अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त है और इसे विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में किसी भी तरह के तेल रिसाव या समुद्री प्रदूषण पर त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए डिजाइन किया गया है। जहाज की लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर और भार विस्थापन 4,170 टन है। इस पर 14 अधिकारी और 115 नाविक तैनात किए जाएंगे।

पोत में लगे प्रमुख उपकरणों में शामिल हैं:

·         दो साइड-स्वीपिंग आर्म्स, जो चलते समय भी तेल फैलाव को रोकने और इकट्ठा करने में सक्षम हैं।

·         तेल रिसाव का पता लगाने वाला आधुनिक रडार।

·         संपूर्ण विस्कोसिटी स्पेक्ट्रम में तेल निकालने की क्षमता।

·         प्रदूषित जल पंपिंग सिस्टम, विश्लेषण और पृथक्करण सुविधा।

·         जहाज में ही निकाले गए तेल को संग्रह करने के लिए समर्पित टैंक।

कार्यक्रम में विशेष अतिथियों की मौजूदगी

इस पोत का जलावतरण मुख्य अतिथि श्रीमती प्रिया परमेश द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक (DGICG) परमेश शिवमणि भी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि,

समुद्री क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण पोत की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने इसे स्वदेशी रूप से तैयार कर एक अहम भूमिका निभाई है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐसे प्रयास प्रेरणास्पद हैं।”

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जीएसएल की भूमिका

इस अवसर पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय ने इस पोत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की समुद्री पर्यावरणीय तैयारियों को सुदृढ़ करने में इस पोत की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने असाधारण स्तर पर स्वदेशी सामग्री प्राप्त करने के लिए टीम जीएसएल के समर्पित प्रयासों की सराहना की, जो आत्मनिर्भर भारत के विज़न में एक उल्लेखनीय योगदान है। कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल, और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

पहला PCV और भविष्य की दिशा

बता दें कि इस श्रृंखला का पहला प्रदूषण नियंत्रण पोत 29 अगस्त 2024 को जलावतरित किया गया था और जल्द ही उसे भारतीय तटरक्षक बल को सौंपा जाएगा। 'समुद्र प्रचेत' के जलावतरण के साथ ही भारत की समुद्री प्रदूषण से लड़ने की क्षमता को नई मजबूती मिली है।

समुद्र प्रचेत’ भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और पर्यावरणीय सुरक्षा को एक साथ साकार करने वाला एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पोत न केवल देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि महासागरों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

The News Grit, 24/07/2025

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