भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) ने पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए एक बड़ी पहल की है। एनएफडीसी ने आठ महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें युवाओं को 3डी एनीमेशन और वीएफएक्स (Visual Effects) जैसे आधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों — अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा — के युवाओं के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य इन राज्यों के रचनात्मक, लेकिन आर्थिक रूप से सीमित युवाओं को डिजिटल मीडिया और मनोरंजन उद्योग में अवसर प्रदान करना है।
100 प्रतिभागियों का होगा चयन
एनएफडीसी इस
आवासीय प्रशिक्षण के लिए कुल 100 उम्मीदवारों का
चयन करेगा। यह चयन स्क्रीनिंग और मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा,
जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सबसे प्रतिभाशाली और इच्छुक
युवाओं को इस अवसर का लाभ मिले।
प्रशिक्षण
की प्रमुख बातें
इस आठ माह के
आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता इसकी समग्र संरचना और पूर्ण
सुविधाएं हैं, जो छात्रों को तकनीकी ज्ञान के
साथ-साथ वास्तविक कार्य अनुभव भी प्रदान करती हैं। यह प्रशिक्षण दो चरणों में
विभाजित है—पहले 6 महीने तक गहन कक्षा-आधारित प्रशिक्षण,
जिसमें 3डी एनीमेशन और वीएफएक्स की बारीकियां
सिखाई जाएंगी, और उसके बाद 2 महीने का
ऑन-द-जॉब इंडस्ट्री अनुभव, जिससे प्रतिभागियों को असली
प्रोडक्शन वर्कफ्लो का अनुभव मिलेगा। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में
स्थित एक आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया जाएगा।
सभी चयनित
छात्रों को बिना किसी शुल्क के प्रशिक्षण मिलेगा और निःशुल्क हॉस्टल सुविधा,
दिन में तीन बार भोजन, और अध्ययन के लिए लैपटॉप
भी प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को एप्टेक लिमिटेड जैसे अनुभवी
ट्रेनिंग पार्टनर के सहयोग से संचालित किया जाएगा, जो उद्योग
की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग सुनिश्चित करेगा। यह
सम्पूर्ण व्यवस्था छात्रों को डिजिटल मीडिया और एनीमेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर
बनाने के लिए तैयार की गई है।
प्रवेश
के लिए योग्यता
इस प्रशिक्षण
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कुछ आवश्यक योग्यताएँ तय की गई हैं। सबसे पहले, आवेदक की आयु
जून 2025 तक कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। यानी केवल वे उम्मीदवार ही पात्र होंगे जिनकी उम्र 18
साल या उससे अधिक है।
शैक्षणिक
योग्यता के दो विकल्प हैं:
·
पहला, उम्मीदवार
ने 10+2 यानी इंटरमीडिएट (12वीं)
पास किया हो, या
·
दूसरा, यदि किसी ने
केवल 10वीं कक्षा पास की है,
तो उसके पास संबंधित उद्योग (जैसे एनीमेशन, ग्राफिक्स आदि) में कम से कम 3 साल का अनुभव होना जरूरी है।
यह सरल और
स्पष्ट योग्यता मानदंड इसलिए रखा गया है ताकि उन युवाओं को भी मौका मिल सके जो
पढ़ाई के साथ-साथ कुछ काम का अनुभव पहले से रखते हैं। साथ ही इस प्रशिक्षण को
सफलतापूर्वक पूरा करने वाले सभी छात्रों को एनएफडीसी और राष्ट्रीय व्यावसायिक
शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET)
द्वारा संयुक्त रूप से मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
पंजीकरण
प्रक्रिया और शुल्क
·
इच्छुक उम्मीदवार एनएफडीसी
की आधिकारिक वेबसाइट www.nfdcindia.com या सीधे पंजीकरण पोर्टल https://skill.nfdcindia.com/Specialproject पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
·
पंजीकरण शुल्क: ₹1,180
(टैक्स सहित) — यह एक गैर-वापसी योग्य शुल्क है।
·
आवेदन की अंतिम तिथि:
15 अगस्त 2025
·
किसी भी प्रश्न या
सहायता के लिए skillindia@nfdcindia.com पर
संपर्क किया जा सकता है।
पूर्वोत्तर
क्षेत्र के लिए विशेष समर्पण
एनएफडीसी की
यह पहल पूर्वोत्तर भारत के युवाओं की रचनात्मक क्षमता को पहचानने और विकसित करने की
दिशा में एक ठोस कदम है। यह इस तरह का तीसरा आवासीय कार्यक्रम है जो विशेष रूप से
इस क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल
युवाओं को तकनीकी कौशल देना ही नहीं है, बल्कि
उन्हें दीर्घकालिक आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर करना भी है। यह भारत की बढ़ती
डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित
करने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास होगा।
एनएफडीसी
की भूमिका और दृष्टिकोण
एनएफडीसी न
केवल सार्थक भारतीय सिनेमा के निर्माण और प्रचार में अग्रणी भूमिका निभाता है,
बल्कि यह स्किल डेवेलपमेंट की विश्वसनीय एजेंसी के रूप में भी उभरा
है। वह एनिमेशन, फिल्म निर्माण, वीएफएक्स,
गेमिंग, डिजिटल कंटेंट और विज्ञापन जैसे उभरते
क्षेत्रों में प्रशिक्षण, मूल्यांकन, प्रमाणन
और प्लेसमेंट जैसी पूरी सुविधाएं प्रदान करता है। यह कार्यक्रम उन युवाओं के लिए
एक जीवन बदलने वाला अवसर साबित हो सकता है जो आर्थिक या भौगोलिक कारणों से अब तक
ऐसी ट्रेनिंग से वंचित रहे हैं।
The News Grit, 02/08/2025
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