वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर अमेरिका ने कार्रवाई तेज कर दी है। संघीय मादक पदार्थ तस्करी और नार्को-आतंकवाद के गंभीर आरोपों के बीच, वाशिंगटन ने उनकी गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने पर इनाम दोगुना करते हुए 50 मिलियन डॉलर कर दिया है। यह राशि अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े व्यक्तिगत इनामों में गिनी जा रही है। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा, “मादुरो दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करों में से एक हैं और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्हें कानून के कटघरे में लाना हमारा संकल्प है।”
20 साल पुराना तस्करी नेटवर्क निशाने पर
अमेरिकी जांच
एजेंसियों का दावा है कि मादुरो “कार्टेल ऑफ द सन्स” नामक विशाल कोकीन तस्करी नेटवर्क
के मुखिया रहे हैं, जो बीते दो दशकों में
सैकड़ों टन नशीला माल अमेरिका भेज चुका है। यह नेटवर्क कोलंबिया के वामपंथी विद्रोही
संगठन FARC के साथ मिलकर काम करता था, जिसे वाशिंगटन पहले से आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। बोंडी ने यह भी आरोप
लगाया कि मादुरो ने वेनेजुएला के कुख्यात गिरोह ट्रेन डी अरागुआ और मैक्सिको के सिनालोआ
कार्टेल के साथ भी साझेदारी की।
कोकीन
की बड़ी खेप और करोड़ों की संपत्ति जब्त
अमेरिकी ड्रग
प्रवर्तन प्रशासन (DEA) के मुताबिक,
मादुरो और उनके नेटवर्क से जुड़ी 30 टन कोकीन पकड़ी
गई, जिसमें से सात टन सीधे तौर पर मादुरो से जुड़ी बताई गई है।
सितंबर 2024 से अब तक मादुरो के नाम पर 700 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जिसमें वेनेजुएला के दो सरकारी विमान भी शामिल हैं।
आजीवन
कारावास तक सजा संभव
62 वर्षीय
मादुरो, जो कभी बस चालक और ट्रेड यूनियन नेता रहे हैं,
दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास झेल सकते हैं। हालांकि, उन्होंने 2020 में लगे आरोपों को “झूठा और राजनीतिक साजिश”
करार दिया था। जून 2025 में, वेनेजुएला
के पूर्व खुफिया प्रमुख ह्यूगो अरमांडो कार्वाजल ने अमेरिकी अदालत में मादक पदार्थ
तस्करी और नार्को-आतंकवाद के आरोप स्वीकार करते हुए मादुरो के खिलाफ साक्ष्य देने की
पेशकश की थी।
चुनावी
विवाद ने और बिगाड़ा माहौल
अमेरिका और मादुरो
सरकार के बीच टकराव नया नहीं है। 2018 के
राष्ट्रपति चुनाव को वाशिंगटन ने “गंभीर रूप से दोषपूर्ण” करार देकर मान्यता देने से
इनकार कर दिया था।
28 जुलाई
2024 को हुए चुनाव में भी अमेरिका ने मादुरो की जीत को अवैध बताते
हुए नतीजों को मानने से मना कर दिया। इन घटनाओं के बाद से वाशिंगटन ने वेनेजुएला पर
कड़े आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिसने पहले से जर्जर
अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर दिया है।
The News Grit, 08/08/2025
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