बेरेकिड (मोरक्को), भारत की रक्षा साझेदारी वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ छू रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मोरक्को के रक्षा मंत्री श्री अब्देलतीफ लौदी ने मंगलवार को बेरेकिड में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) की अत्याधुनिक रक्षा विनिर्माण सुविधा का संयुक्त उद्घाटन किया। यह केंद्र स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WHAP) 8x8 का उत्पादन करेगा, जिसे टीएएसएल और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिलकर डिजाइन किया है।
20,000 वर्ग मीटर में फैली यह सुविधा अफ्रीका में किसी भारतीय निजी कंपनी द्वारा स्थापित पहला और मोरक्को का सबसे बड़ा रक्षा निर्माण केंद्र है। उल्लेखनीय है कि यह संयंत्र निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही प्रचालनगत हो गया है और उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। शुरुआती डिलीवरी अगले महीने से रॉयल मोरक्को आर्मी को की जाएगी।
अत्याधुनिक
क्षमताओं से लैस डब्ल्यूएचएपी
डब्ल्यूएचएपी
एक आधुनिक मॉड्यूलर लड़ाकू प्लेटफॉर्म है, जो
उन्नत गतिशीलता, सुरक्षा और मिशन अनुकूलन क्षमता से युक्त
है।
इसकी प्रमुख
विशेषताओं में शामिल हैं:
·
स्केलेबल बैलिस्टिक
और माइन प्रोटेक्शन युक्त टिकाऊ मोनोकॉक हल।
·
स्वतंत्र सस्पेंशन
और सेंट्रल टायर इन्फ्लेशन सिस्टम।
·
उच्च-शक्ति इंजन
द्वारा समर्थित ऑफ-रोड प्रदर्शन।
·
पैदल सेना लड़ाकू
वाहन,
बख्तरबंद कार्मिक वाहक, टोही, कमांड पोस्ट, मोर्टार वाहक और एम्बुलेंस जैसे अनेक
वेरिएंट।
·
मानवयुक्त/मानवरहित
रिमोट हथियार स्टेशन और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की क्षमता।
आत्मनिर्भर
भारत से "मेक विद फ्रेंड्स" तक
उद्घाटन
समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह अवसर भारत और मोरक्को की रणनीतिक साझेदारी का
ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने रेखांकित किया:
“आत्मनिर्भर
भारत का विजन केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर उन्नत प्रौद्योगिकी और उच्च-गुणवत्ता वाले
उत्पादों का विश्वसनीय स्रोत बनाने का लक्ष्य रखता है। 'मेक
इन इंडिया' के साथ-साथ, हम 'मेक विद फ्रेंड्स' और 'मेक फॉर
द वर्ल्ड' को भी आगे बढ़ा रहे हैं। मोरक्को में यह सुविधा
केंद्र उसी दृष्टिकोण का उत्कृष्ट उदाहरण है।”
स्थानीय
रोजगार और क्षमता निर्माण
इस परियोजना
से मोरक्को में रक्षा संबंधी हजारों रोजगार अवसर बनने की उम्मीद है।
·
आरंभिक चरण में लगभग
एक-तिहाई पुर्जे और उप-प्रणालियां स्थानीय स्तर पर सोर्स और असेंबल की जाएंगी।
·
आने वाले वर्षों में
यह स्थानीय मूल्यवर्धन बढ़कर 50% तक पहुँच
जाएगा।
·
स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं
और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ साझेदारी से एक मजबूत रक्षा औद्योगिक इकोसिस्टम तैयार
होगा।
रक्षा मंत्री
सिंह ने कहा कि यह परियोजना न केवल मोरक्को के रक्षा औद्योगिक आधार को सुदृढ़
करेगी बल्कि रॉयल मोरक्को सशस्त्र बलों की दीर्घकालिक क्षमता निर्माण में भी
योगदान देगी।
अफ्रीका
और यूरोप के बीच रणनीतिक केंद्र
भारत के
रक्षा मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि मोरक्को की भौगोलिक स्थिति – अफ्रीका और
यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में – इस सुविधा केंद्र को निर्यात और सहयोग का
महत्वपूर्ण केंद्र बनाएगी।
उन्होंने
कहा:
“यह
संयंत्र केवल मोरक्को की रक्षा आवश्यकताओं को ही पूरा नहीं करेगा, बल्कि भविष्य में निर्यात का भी केंद्र बनेगा, जो
महाद्वीपों और बाजारों के बीच एक सेतु का कार्य करेगा।”
व्यापक
उपस्थिति
इस अवसर पर
मोरक्को के उद्योग एवं व्यापार मंत्री रियाद मेजौर, मोरक्को सरकार और शाही सशस्त्र सेना के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र सेना के प्रतिनिधि तथा टीएएसएल के वरिष्ठ
अधिकारी मौजूद रहे।
बेरेकिड में
स्थापित यह रक्षा विनिर्माण सुविधा न केवल भारत और मोरक्को के बीच रणनीतिक
साझेदारी को गहरा करेगी, बल्कि अफ्रीका में
भारत की बढ़ती उपस्थिति का भी प्रतीक बनेगी। यह पहल भारत के रक्षा उद्योग की
वैश्विक ताकत, आत्मनिर्भरता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण का
प्रत्यक्ष उदाहरण है।
The News Grit, 24/09/2025

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