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खाते में दिखी गड़बड़ी… और खुल गया करोड़ों का खेल!!

समर्पण और साधना से मिली सफलता, आस्था ने विश्व मंच पर बिखेरी भारतीय संस्कृति की चमक!!

सागर की युवा कथक नृत्यांगना आस्था गुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी कला का परचम लहराया है। उन्होंने थाईलैंड के पटाया शहर में आयोजित 15वें कल्चरल ओलंपियाड ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट (25 से 29 अक्टूबर 2025) में युवावर्ग की शास्त्रीय श्रेणी में द्वितीय स्थान प्राप्त कर भारत, मध्यप्रदेश और सागर का नाम रोशन किया। यह प्रतिष्ठित आयोजन एबीएसएस ग्लोबल काउंसिल ऑफ आर्ट एंड कल्चर द्वारा यूनेस्को की सांस्कृतिक शाखा के सहयोग से किया गया था, जिसमें भारत सहित कई देशों के कलाकारों ने हिस्सा लिया। आस्था ने अपनी मनमोहक कथक प्रस्तुति से निर्णायकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और भारतीय संस्कृति की गरिमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया।

पुणे से पटाया तक का सफर

आस्था का यह गौरवशाली सफर पुणे से शुरू हुआ। उन्होंने अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ, पुणे द्वारा आयोजित 21वें कल्चरल फोरम ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। यह प्रतियोगिता 21 मई से 1 जून 2025 तक जवाहरलाल नेहरू ऑडिटोरियम, पुणे में हुई थी, जिसमें आस्था ने 31 मई को कथक प्रस्तुति देकर चौथा स्थान प्राप्त किया था। इसी उपलब्धि के आधार पर उन्हें थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।

पहले भी जीत चुकी हैं कई सम्मान

आस्था गुप्ता की यह पहली अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि जरूर है, लेकिन इससे पहले भी वे राष्ट्रीय स्तर पर कई बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। नवंबर 2024 में उन्होंने नृत्य दर्पण डांस अकादमी द्वारा आयोजित काल पर्व फेस्टिवल में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके अलावा फरवरी 2024 में वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कार्यक्रम में खजुराहो में आयोजित सामूहिक कथक प्रस्तुति का हिस्सा रही थीं।

तीसरी कक्षा से शुरू हुई कथक की यात्रा

आस्था ने बहुत छोटी उम्र से कथक सीखना शुरू किया। तीसरी कक्षा से ही उन्होंने इस शास्त्रीय नृत्य की विधिवत शिक्षा ली। उन्होंने सागर से कथक में छह वर्ष का डिप्लोमा पूरा किया। इसके बाद खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वे वहीं से मास्टर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की पढ़ाई कर रही हैं। आस्था सागर निवासी दीपा और संतोष गुप्ता (तपा) की पुत्री हैं। थाईलैंड जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका चयन और पुरस्कार प्राप्त करना उनके परिवार, गुरुजनों और पूरे शहर के लिए गर्व का क्षण है।

कला के माध्यम से भारत की पहचान

थाईलैंड में आस्था की यह प्रस्तुति केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है। उनकी इस सफलता ने यह सिद्ध किया कि यदि समर्पण और साधना को जीवन का हिस्सा बना लिया जाए, तो हर मंच पर उत्कृष्टता और भारतीय संस्कृति की चमक बिखेरी जा सकती है।

प्रेरणा बनी आस्था

आस्था गुप्ता की उपलब्धि सागर और पूरे मध्यप्रदेश के युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया है कि भारत की पारंपरिक कलाएं आज भी आधुनिक युग में अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान और गरिमा बनाए हुए हैं। उनकी इस सफलता से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा प्रदेश गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

The News Grit, 01/11/2025

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