नागरिक
सेवाओं को सरल, सुरक्षित और पूरी तरह डिजिटल
बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स
एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग ने विदेश
मंत्रालय के सहयोग से डिजिलॉकर प्लेटफार्म पर पासपोर्ट वेरिफिकेशन रिकॉर्ड (PVR)
उपलब्ध कराने की घोषणा की है। यह सुविधा लाखों पासपोर्ट आवेदकों और
धारकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत डिजिलॉकर एक सुरक्षित क्लाउड-आधारित प्लेटफार्म है, जो सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से जारी करने, संग्रहित करने, साझा करने और सत्यापित करने की सुविधा देता है। पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड के डिजिलॉकर से जुड़ने के बाद अब नागरिक इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को कभी भी, कहीं भी एक्सेस कर सकेंगे।
डिजिलॉकर
में पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड: क्या होगा लाभ?
·
हर समय और कहीं से
भी रिकॉर्ड की उपलब्धता
पासपोर्ट
सत्यापन पूरा होने के बाद नागरिक अपने डिजिलॉकर अकाउंट में मौजूद ‘Issued
Documents’ सेक्शन से सीधे अपने PVR को एक्सेस
कर सकेंगे। इसके लिए अब किसी फिजिकल कॉपी को संभालकर रखने की जरूरत नहीं होगी।
चाहे मोबाइल ऐप हो या वेब पोर्टल दोनों माध्यमों से यह सुविधा तुरंत उपलब्ध रहेगी।
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प्रक्रियाओं में
तेजी और कागजी औपचारिकताओं में भारी कमी
जब PVR
डिजिटल रूप में एक क्लिक पर उपलब्ध होगा, तो
यात्रा, नौकरी, पुलिस जांच या अन्य
अनुपालन से जुड़ी प्रक्रियाएँ और सुगम हो जाएँगी। इससे फॉर्म भरने में लगने वाला
समय कम होगा और नागरिकों के साथ-साथ संस्थानों को भी दस्तावेज जाँच में तेजी
मिलेगी।
·
पूरी तरह सुरक्षित
और प्रमाणिक डिजिटल रिकॉर्ड
डिजिलॉकर पर
उपलब्ध पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड सीधे सरकारी सिस्टम से जारी होते हैं। इस वजह से
यह न केवल प्रमाणिक होते हैं बल्कि इन्हें संशोधित या छेड़छाड़ करना भी संभव नहीं
होता। डिजिलॉकर का सुरक्षित डिजिटल ढांचा इन दस्तावेजों की विश्वसनीयता को और
मजबूत बनाता है।
·
दस्तावेजों का आसान
डिजिटल साझा करना और तुरंत सत्यापन
नागरिक अपने PVR
को अधिकृत संस्थाओं या एजेंसियों के साथ तुरंत डिजिटल रूप से साझा
कर सकेंगे। इस प्रक्रिया में उनकी सहमति आवश्यक होगी, जिससे
पारदर्शिता बनी रहती है और अलग-अलग जगह फोटोकॉपी जमा करने की आवश्यकता काफी हद तक
समाप्त हो जाती है।
·
पेपरलेस गवर्नेंस और
पर्यावरण अनुकूल प्रशासन को बढ़ावा
पासपोर्ट से
जुड़े सत्यापन दस्तावेजों को पूर्णत: डिजिटल रूप में अपनाने से प्रशासनिक
प्रक्रिया अधिक हरित और कुशल बनती है। कागज की खपत कम होने से पर्यावरण संरक्षण
में योगदान मिलता है और सरकार का पेपरलेस कार्यप्रणाली की ओर बढ़ने का लक्ष्य भी
और सशक्त होता है।
सुरक्षा,
पारदर्शिता और 'नागरिक-प्रथम' दृष्टिकोण को मजबूती
डिजिलॉकर पर PVR
उपलब्ध होने से पासपोर्ट प्रक्रिया में पारदर्शिता और
नागरिक-केंद्रित सेवाएं और मजबूत होंगी। यह पहल डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को
और शक्तिशाली बनाती है तथा सरकारी सेवाओं को आधुनिक और विश्वसनीय बनाने के
उद्देश्य को आगे बढ़ाती है।
विदेश
मंत्रालय और NeGD का यह सहयोग ‘समग्र सरकार’ दृष्टिकोण
का उदाहरण है, जिसमें विभिन्न मंत्रालय मिलकर नागरिकों तक
सहज और सुरक्षित सेवाएं पहुंचाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग कर रहे
हैं।
लाखों
नागरिकों को होगा सीधा लाभ
इस नई सुविधा
से पासपोर्ट आवेदकों और धारकों को न केवल सत्यापन प्रक्रिया तेज मिलेगी,
बल्कि सभी आधिकारिक दस्तावेजों को एक ही डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर
सुरक्षित रखने की सुविधा भी मिलेगी। इसके चलते पासपोर्ट से जुड़े कार्यों में समय,
ऊर्जा और संसाधनों की बड़ी बचत होने की उम्मीद है।
डिजिलॉकर पर पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड की उपलब्धता भारतीय नागरिक सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होती है। यह पहल सुरक्षित, त्वरित और पारदर्शी सेवा प्रदान करते हुए डिजिटल इंडिया के विजन को और मजबूत करती है।
The News Grit, 05/12/2025

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