मध्यप्रदेश के खाद्य विभाग में डिजिटल मॉनिटरिंग की नई क्रांति की शुरुआत हो गई है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने ग्वालियर से अनाज भंडारण व्यवस्था को पूरी तरह आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए तीन हाई-टेक मोबाइल ऐप-निरीक्षण ऐप, नमी मापक ऐप और फ्यूमिगेशन ऐप-लॉन्च किए। इनके जरिए प्रदेश के सभी गोदामों की निगरानी अब तकनीक आधारित, रियल-टाइम और पूर्णतः पारदर्शी तरीके से हो सकेगी।
भंडारण
व्यवस्था में डिजिटल क्रांति
मंत्री राजपूत
ने कहा कि खाद्यान्न की गुणवत्ता, पारदर्शिता और
जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि निरीक्षण से
लेकर फ्यूमिगेशन तक हर प्रक्रिया डिजिटल हो, ताकि हर स्तर पर
गड़बड़ी पर स्वतः रोक लग सके और नागरिकों तक गुणवत्तापूर्ण अनाज पहुंच सके।
निरीक्षण
ऐप: लोकेशन-बेस्ड रियल-टाइम चेकिंग
निरीक्षण ऐप
के माध्यम से अब गोदामों का भौतिक निरीक्षण पूरी तरह रियल-टाइम और लोकेशन-बेस्ड
तरीके से होगा। निरीक्षण का पूरा रोस्टर भोपाल मुख्यालय द्वारा तैयार किया जाएगा,
और एक ब्रांच के गोदाम का निरीक्षण दूसरी ब्रांच का अधिकारी करेगा,
जिससे क्रॉस वेरिफिकेशन भी सुनिश्चित होगा। अधिकारी को निरीक्षण के
दौरान गोदाम के अंदर फिजिकली मौजूद रहना अनिवार्य है; यदि वह
100 मीटर से अधिक दूरी पर होगा तो ऐप निरीक्षण स्वीकार नहीं
करेगा। निरीक्षण से जुड़े फोटो और सभी डेटा तुरंत रियल-टाइम पोर्टल पर दर्ज होंगे,
जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता, जिम्मेदारी
और सटीकता में बड़ा सुधार आएगा।
नमी
मापक ऐप: डिजिटल मॉइस्चर मीटर से सटीक रिपोर्टिंग
नमी मापन की
प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल हो गई है। डिजिटल मॉइस्चर मीटर की मदद से स्टैक की
ऊपरी,
मध्य और निचली परत की नमी सटीक रूप से मापी जाएगी, और मापन के बाद मशीन से निकली पर्ची का फोटो ऐप में अपलोड करना अनिवार्य
होगा। हर गोदाम की नमी रिपोर्ट अब हर महीने रियल-टाइम में उपलब्ध रहेगी, जिससे निगरानी और भी आसान हो जाएगी। इसके साथ ही जिला प्रबंधक सीधे भारतीय
खाद्य निगम (FCI) को नमी से संबंधित डेटा भेज सकेंगे। यह
डिजिटल व्यवस्था भंडारित अनाज की गुणवत्ता बनाए रखने में महत्वपूर्ण और प्रभावी
भूमिका निभाएगी।
फ्यूमिगेशन
ऐप: दवा छिड़काव की पूरी प्रक्रिया डिजिटल
फ्यूमिगेशन
की प्रक्रिया अब पूरी तरह पेपरलेस और डिजिटल हो गई है। दवा छिड़काव केवल अधिकृत
प्रतिनिधि की मौजूदगी में किया जाएगा, जिससे
प्रक्रिया की निगरानी और भी विश्वसनीय बनेगी। अनाज को कवर करने से लेकर कवर हटाने
तक की पूरी फोटो प्रक्रिया ऐप में अपलोड करनी होगी, और दवा
छिड़काव सफल रहा या नहीं, यह जानकारी भी ऐप में दर्ज की
जाएगी। जब तक फ्यूमिगेशन पूरी तरह सफल नहीं होगा, तब तक
स्टॉक इश्यू नहीं किया जाएगा। यह प्रणाली अनाज की सुरक्षा, गुणवत्ता
और उपभोक्ता स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पारदर्शिता
की दिशा में बड़ा कदम
तीनों ऐप्स
की शुरुआत ने मध्यप्रदेश की खाद्यान्न भंडारण व्यवस्था को पूरी तरह आधुनिक और दक्ष
बना दिया है। अब गोदाम प्रबंधन से लेकर गुणवत्ता नियंत्रण तक हर प्रक्रिया तकनीक
आधारित हो गई है, जिससे अनाज के
संरक्षण में सटीकता बढ़ेगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना काफी हद तक खत्म
होगी। नई डिजिटल मॉनिटरिंग व्यवस्था न केवल काम को तेज और सरल बनाएगी, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और विश्वसनीयता को भी एक नए स्तर पर ले जाएगी।
The News Grit, 06/12/2025

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