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पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

भारत निर्वाचन आयोग की 18 नई पहलें लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी कदम!!!!

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने लोकतांत्रिक प्रणाली को और अधिक मजबूत, पारदर्शी तथा जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए चुनाव प्रक्रिया से संबंधित 18 नई पहलों की घोषणा की है। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं की सुविधा, चुनावी पारदर्शिता, तकनीकी सुधार और समावेशी सहभागिता को बढ़ावा देना है। मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता इन पहलों में सबसे प्रमुख बदलाव यह है कि अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं को ही पंजीकृत किया जाएगा। पहले की तुलना में यह संख्या घटा दी गई है ताकि मतदान केंद्रों पर भीड़भाड़ कम हो और मतदान प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित, सरल और सुगम बन सके।  ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों और महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त, शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों और घनी कॉलोनियों में अब अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे लोगों को अपने घर के नजदीक ही मतदान की सुविधा मिल सकेगी। मृत्यु पंजीकरण डेटा से मतदाता सूची अद्यतन मतदाता सूची को अद्यतन...

ड्रोन से बदलती ज़िंदगी: साक्षी और कई महिलाएं जो बदल रही हैं खेतों की तस्वीर!!!!

भारत की कृषि परंपरागत रूप से श्रम-प्रधान रही है , लेकिन अब इस क्षेत्र में तकनीक की नई बयार बह रही है। "नमो ड्रोन दीदी योजना" इसी बदलाव का प्रतीक बनकर सामने आई है। जो न केवल कृषि कार्यों को आधुनिक बना रही है , बल्कि महिलाओं को भी तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर कर रही है। यह योजना उन महिलाओं की कहानी कहती है जो खेतों में सिर्फ श्रमिक नहीं , बल्कि तकनीकी नवाचार की अगुवाई कर रहीं है। साक्षी पांडे की कहानी: बदलाव की मिसाल मध्यप्रदेश के सागर ज़िले के पडरिया गांव की रहने वाली साक्षी पांडे इस योजना की एक सशक्त उदाहरण हैं। मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के तहत वे इफको द्वारा संचालित 15 दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ीं। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क था , जिसमें उन्हें ड्रोन उड़ाने , उसकी तकनीक समझने और कीटनाशक व उर्वरक के छिड़काव की विधियों का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। प्रशिक्षण के बाद उन्हें मार्च 2023 में एक ड्रोन , एक इलेक्ट्रिक व्हीकल और एक जनरेटर उपलब्ध कराया गया – ये सभी भी योजना के अंतर्गत निःशुल्क दिए गए संसाधन थे। अब साक्षी किसानों के खेतों मे...

नोम चोम्स्की: हमारे समय की अंतरात्मा और आलोचनात्मक विवेक की आवाज़!!!!

नोम चोम्स्की हमारे समय के सबसे प्रभावशाली बुद्धिजीवियों में से एक हैं। वे भाषा-विज्ञान , राजनीति , मीडिया आलोचना और वैश्विक सत्ता संरचनाओं पर अपने तीक्ष्ण विश्लेषण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी सोच ने न केवल अकादमिक जगत को बल्कि आम जनमानस को भी झंकझोरा है। आज जब लोकतंत्र , स्वतंत्रता और न्याय की अवधारणाएं लगातार चुनौती के घेरे में हैं , तब चोम्स्की की वैचारिक स्पष्टता और नैतिक प्रतिबद्धता हमें दिशा देने का कार्य करती है। इसीलिए , यह लेख उनके विचारों और योगदान की प्रासंगिकता को समझने का एक विनम्र प्रयास है। नोम चोम्स्की ( Noam Chomsky) का जन्म 7 दिसंबर 1928 को फिलाडेल्फिया , अमेरिका में हुआ था। वे एक बहुचर्चित अमेरिकी भाषाविद् , दार्शनिक , राजनीतिक विचारक , सामाजिक आलोचक और मानवाधिकारों के प्रखर पक्षधर हैं। वे एमआईटी ( Massachusetts Institute of Technology) में लंबे समय तक प्रोफेसर रहे हैं। चोम्स्की को आधुनिक भाषाविज्ञान का जनक माना जाता है। वे विश्लेषणात्मक दर्शन तथा मीडिया व राजनीति की आलोचनात्मक व्याख्या के लिए भी विख्यात हैं। भाषाविज्ञान , राजनीतिक दर्शन और सामाजिक आलोचना , मीडिया व...

भारत में पहली बार बाघ, तेंदुआ और चीता एक साथ!!!!

भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साकार होने जा रही है। मध्यप्रदेश के सागर जिले में स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व ( पूर्व नाम नौरादेही अभयारण्य) को अब देश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व बनने का गौरव प्राप्त होगा , जहां बाघ , तेंदुआ और चीता – बिग कैट फैमिली के तीन प्रमुख सदस्य – एक साथ प्राकृतिक आवास में रहेंगे। यह न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए भी एक अनूठा प्रयोग होगा। चीतों की वापसी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भारत में अंतिम बार चीता ( Asiatic Cheetah) को 1947 में छत्तीसगढ़ (अब छत्तीसगढ़ राज्य , तब मध्य प्रदेश का हिस्सा) के कोरिया ज़िले में देखा गया था। उस समय राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने तीन चीतों का शिकार किया था। यही घटना भारत में चीतों के प्राकृतिक रूप से पाए जाने का अंतिम रिकॉर्डेड उदाहरण मानी जाती है।   इसके बाद भारत सरकार ने लंबे समय तक चीतों के न मिलने और शिकार के चलते उनकी प्रजाति को लुप्त मान लिया , और 1952 में भारत सरकार ने औपचारिक रूप से चीते को "विलुप्त" ( Extinct) घोषित कर दिया। इसके बाद से भारत में चीते की पुनर्स्थापना को लेकर कई बा...

मध्‍यप्रदेश को गर्व का क्षण: छतरपुर के कसवा घुवारा की क्रांति गौंड का हुआ इंग्‍लैड दौरे के लिए टीम इंडिया में चयन!!

मध्यप्रदेश के सागर संभाग अंतर्गत छतरपुर क्षेत्र के कसवा घुवारा की धरती पर जन्मी कु. क्रांति गौंड ने भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में चयनित होकर न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया है , बल्कि समूचे बुंदेलखंड अंचल को गर्व की अनुभूति कराई है। 11 अगस्त 2003 को जन्मी क्रांति आज युवाओं , विशेषकर ग्रामीण बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। उनकी सफलता इस बात का जीवंत प्रमाण है कि प्रतिभा गांव की गलियों से निकलकर भी राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकती है। क्रांति गौंड का पूरा परिवार ग्राम घुवारा में निवास करता है। उनके पिता श्री मुन्ना सिंह पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जिला छतरपुर के थाना भगवां की घुवारा चौकी में पदस्थ हैं। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली क्रांति ने कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की राह बनाई। यह उनकी मेहनत , लगन और परिवार के सहयोग का प्रतिफल है कि आज वे राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाई हैं। एक प्रेरणादायक सफर घुवारा की बेटी क्रांति गौंड ने यह सिद्ध कर दिया कि लगन , मेहनत और आत्मबल से हर बा...

स्व-सहायता समूह से मिली उड़ान, कचरे से खड़ा किया कारोबार!!!!

कुछ कर गुजरने के लिए धन की ही नहीं, बल्कि मजबूत मन, सच्ची लगन और एक उपयोगी विचार की आवश्यकता होती है। जब इन सभी का संगम होता है, तो व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अवसर तलाश कर सकता है। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है, मण्डी बाम्होरा विकासखण्ड बीना की श्रीमती जमना अहिरवार की, जिन्होंने कूड़े-कचरे को अपना हथियार बनाकर न केवल अपना बल्कि अपने परिवार और समूह की अन्य महिलाओं का जीवन बदल दिया। यात्रा की शुरुआत  श्रीमती जमना अहिरवार की कहानी एक साधारण महिला की असाधारण सोच का परिणाम है। वे अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह से जुड़ी थी, और धीरे-धीरे समूह के माध्यम से उन्होंने सामूहिकता, आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वावलंबन की शक्ति को समझा। समूह का पूरा होने के बाद उन्हें 6 लाख रुपये की लिंकेज राशि प्राप्त हुई। इसी से उन्होंने 2 लाख रुपये का ऋण लिया और उसे आधार बनाकर फेंके जाने वाले कचरे के व्यापार की ओर कदम बढ़ाया। उन्होंने कचरा खरीदना शुरू किया, उसे प्रोसेस करके बाजार में बेचना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने छोटे से कारोबार को एक मजबूत उद्यम में बदल दिया। बैंक लिंकेज का अर्थ है स्व-सहायता समूहों (SH...

अब हर मददगार बनेगा हीरो – सड़क सुरक्षा में नागरिकों की मदद को प्रोत्साहन!!!!

भारत में सड़क दुर्घटना एक गंभीर मामला रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में घायल होते या मारे जाते हैं, जिनमें से कई की मृत्यु इसलिए हो जाती है, क्योंकि समय पर उन्हें प्राथमिक उपचार या अस्पताल नहीं मिल पाता। ऐसे में केंद्र सरकार ने 2021 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए "गुड सेमेरिटन योजना" की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों की जान बचाने वाले नागरिकों को सम्मानित और सुरक्षित करना है। इसी के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना को अपनी स्वीकृति देकर प्रदेश में लागू करने की घोषणा की है। जिसे 2025 में मई के अंत तक शु‍रू किया जाएगा। जिसमें प्रोत्‍साहन राशि 25 हजार देने की बात कही गई है।  भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा 15 अक्टूबर 2021 से इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की जान बचाने वाले नागरिकों को सम्मानित करना है। इस योजना का नाम है – ‘गुड सेमेरिटन को पुरस्कार देने की योजना’, जो ऐसे नागरिकों को प्रोत्साहित करती है जो ‘गो...

डॉ. यादव ने दिखाई हरी झंडी, 2100वें मेट्रो कोच का हुआ शुभारंभ!!!!

भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और स्वदेशी निर्माण क्षमताओं में तेज़ी से हो रहे विस्तार ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश अब मेट्रो और रेल कोच निर्माण के क्षेत्र में एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है। राज्य में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) जैसी अग्रणी कंपनी द्वारा अत्याधुनिक निर्माण इकाइयों की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हो रही है। रायसेन जिले में स्थापित की जा रही नई बीईएमएल इकाई न केवल औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। बेंगलुरू में बीईएमएल द्वारा निर्मित 2100वें मेट्रो कोच को राष्ट्र को समर्पित करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो 'मेड इन इंडिया' अभियान की सफलता और भारत की तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। BEML आखिर क्या है? भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो खनन, निर्माण, रेलवे, मेट्रो और रक्षा क्षेत्रों के लिए भारी मशीनरी और वाहनों का निर्माण करती है। जो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थ मूव...