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Showing posts from June, 2025

पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

पर्यटन में मध्यप्रदेश की नई उड़ान: 2024 में 13 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे!!

मध्यप्रदेश 2024 में पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। यहाँ की सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्मारक, प्राकृतिक विविधता, वन्यजीव संपदा, धार्मिक स्थलों और ग्रामीण सांस्कृतिक जीवन ने देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया है। वर्ष 2024 में राज्य ने रिकॉर्ड 13 करोड़ 41 लाख पर्यटकों का स्वागत कर न केवल नया कीर्तिमान स्थापित किया, बल्कि यह साबित कर दिया कि वह भारत के अग्रणी पर्यटन राज्यों में शामिल हो रहा है। 2024 में पर्यटन की ऐतिहासिक छलांग वर्ष 2024 में मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। 2023 की तुलना में पर्यटकों की संख्या में 19.6% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि 2019 के मुकाबले यह वृद्धि 50.6% रही। सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव से प्रभावित वर्ष 2020 की तुलना में यह वृद्धि 526% तक पहुँच गई। यह आँकड़े इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि मध्यप्रदेश ने संकट के दौर से उबरते हुए कितनी तेजी से वापसी की है। मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति, आधारभूत ढाँचे में सुधार, धार्मिक एवं विरासत स्थलों का समग्र विकास, तथा स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी ने मिलकर ...

भारत का अप्रैल–मई 2025 व्यापार प्रदर्शन: निर्यात और सेवाओं में वृद्धि, कुछ क्षेत्रों में गिरावट भी!!!!

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम व्यापार आंकड़े यह संकेत देते हैं कि अप्रैल–मई 2025 की अवधि के दौरान भारत ने वैश्विक व्यापार में सकारात्मक प्रगति दर्ज की है। कुल निर्यात और सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली , हालांकि कुछ आयात श्रेणियों में गिरावट भी दर्ज की गई है। यह लेख इन्हीं आंकड़ों और उनकी विस्तृत व्याख्या पर आधारित है। कुल व्यापार का संक्षिप्त आंकलन अप्रैल–मई 2025 की अवधि में भारत का कुल निर्यात (वस्तुएं और सेवाएं मिलाकर) US$ 142.43 अरब रहा , जो अप्रैल–मई 2024 के US$ 134.69 अरब की तुलना में 5.75% अधिक है। इसी अवधि में कुल आयात US$ 159.57 अरब दर्ज किया गया , जबकि पिछले वर्ष यह US$ 149.81 अरब था , जिससे 6.52% की वृद्धि दर्शित होती है। इस दौरान भारत का व्यापार घाटा बढ़कर US$ 17.14 अरब हो गया , जो पिछले वर्ष की समान अवधि में US$ 15.12 अरब था। मर्चेंडाइज़ (भौतिक वस्तुओं का) व्यापार अप्रैल–मई 2025 के दौरान भारत का माल (भौतिक वस्तुओं) का निर्यात बढ़कर US$ 77.19 अरब रहा , जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.07% अ...

गैलीलियो: वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का सुपर-स्नीफर!!

मध्य प्रदेश का नौरादेही टाइगर रिजर्व राज्य का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है , जो तीन जिलों-दमोह , सागर और नरसिंहपुर में फैला हुआ है। यहाँ की जैव विविधता , खासकर बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा हमेशा एक चुनौती रही है , क्योंकि शिकारी और तस्कर लगातार इस रिजर्व को नुकसान पहुँचाने की फिराक में रहते हैं। इन खतरों से निपटने के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की बड़ी टीम तैनात है , लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा डर शिकारियों को गैलीलियो से लगता है। गैलीलियो एक खास रक्षक है , जो एक खोजी डॉग है। कौन है गैलीलियो ? गैलीलियो , वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का खोजी डॉग है , जिसकी तैनाती 2020 से नौरादेही में है। यह एक बेल्जियन मेलिनोइस ( Belgian Malinois) नस्ल का स्निफर डॉग है। इस नस्ल की उत्पत्ति बेल्जियम में हुई थी और यह खासतौर पर तेज बुद्धि , तीव्र गति और आदेशों के प्रति संवेदनशील प्रतिक्रिया के लिए जानी जाती है। बेल्जियन मेलिनोइस आमतौर पर सेना , पुलिस और अब वन विभागों में भी तैनात किए जाते हैं। गैलीलियो का जन्म 17 मार्च 2017 को हुआ था। पहले वह मुरैना के चंबल घड़ियाल सेंचुरी में तैनात था , ...

रक्तवीर सुशील यादव का संकल्प: जब तक सक्षम हूं, करता रहूंगा रक्तदान!!

सागर मध्यप्रदेश के सागर जिले में जिला मलेरिया कार्यालय में कार्यरत सुशील कुमार यादव मानवता की सेवा का एक ऐसा उदाहरण बन चुके हैं , जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहा है। वर्ष 1996 से शुरू हुई उनकी सेवा-यात्रा में अब तक वे 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब सदर क्षेत्र के एक गरीब परिवार को तत्काल रक्त की जरूरत थी और कोई भी मदद को आगे नहीं आया। सुशील ने न केवल रक्तदान किया , बल्कि यह प्रण लिया कि जब तक सक्षम हैं , लोगों की मदद करते रहेंगे। उनकी यह सेवा भावना उन्हें विरासत में मिली है। उनकी मां स्वर्गीय शांति देवी सागर जिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स थीं और उन्होंने ही सुशील को बचपन से सेवा और करुणा का पाठ पढ़ाया। सुशील सिर्फ सागर में ही नहीं , बल्कि भोपाल , इंदौर , उज्जैन जैसे बड़े शहरों में भी जरूरतमंदों की मदद के लिए पहुंचे हैं। वे मानते हैं कि रक्तदान से न केवल दूसरों की जान बचती है , बल्कि इससे आत्मबल भी बढ़ता है। रक्तदान के अलावा सुशील कुमार ने मानवता की एक और मिसाल पेश की , जब उन्होंने किसी जरूरतमंद को अपनी किडनी दान करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन...

मध्यप्रदेश और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग का नया अध्याय – वैश्विक मंच की ओर बढ़ता 'भारत का हृदय'!!

मध्यप्रदेश , जो ऐतिहासिक धरोहरों , विविध कलाओं और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता है , अब वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर एक नई पहचान की ओर अग्रसर हो चुका है। हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन ( MoU) पर हस्ताक्षर किए गए , जिससे मध्यप्रदेश और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग के द्वार और अधिक व्यापक रूप से खुल गए हैं। समझौते की त्रयी: सरकार , संस्कृति और सहयोग इस ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ , मध्यप्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्‍ला , और अलायंस फ्रांसेज़ डी भोपाल के अध्यक्ष श्री अखिलेश वर्मा द्वारा किए गए। यह समझौता अगले तीन वर्षों तक वैध रहेगा और आपसी सहमति से इसे आगे भी बढ़ाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर इसे "प्रदेश की सांस्कृतिक रणनीति को सशक्त करने वाला कदम" बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समझौता मध्यप्रदेश को न केवल एक सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करेगा , बल्कि इसे एक प्रगतिशील , ...

ना जाति, ना धर्म: एच. संतोश की याचिका ने रचा न्यायिक इतिहास!!!!

भारत जैसे विविधता से भरे देश में जाति और धर्म लंबे समय से सामाजिक पहचान और सरकारी योजनाओं का आधार रहे हैं। लेकिन अब समय के साथ कुछ लोग ऐसी सामाजिक पहचान से मुक्त होकर केवल इंसान के रूप में जीना चाहते हैं – न जाति , न धर्म। ऐसे ही एक मामले में , मद्रास हाईकोर्ट ने 10 जून 2025 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है , जो संवैधानिक अधिकारों , धर्मनिरपेक्षता और मानव गरिमा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मामले की पृष्ठभूमि इस फैसले की शुरुआत हुई एक नागरिक एच. संतोश की याचिका से , जिन्होंने तमिलनाडु सरकार से मांग की थी कि उन्हें और उनके परिवार को एक प्रमाणपत्र जारी किया जाए जिसमें यह कहा जाए कि वे किसी भी जाति या धर्म से संबंधित नहीं हैं। हालाँकि , जिला प्रशासन और तहसीलदार ने यह कहते हुए उनकी याचिका अस्वीकार कर दी थी कि ऐसे किसी प्रमाणपत्र को जारी करने का कोई सरकारी आदेश ( G.O.) उपलब्ध नहीं है , और तहसीलदार को ऐसा प्रमाणपत्र देने का अधिकार नहीं है। एच. संतोश यह मामला हाईकोर्ट में ले गये और जब एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी ,  तो उन्होंने   W.A. No. 401 of 2025   के तह...