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आईसीजीएस अदम्य: भारत का नया अविजेय प्रहरी पारादीप में तैनात!!

ओडिशा, पारादीप बंदरगाह 19 सितंबर 2025 को भारतीय तटरक्षक बल ने अपने फ्लीट में एक और अत्याधुनिक पोत आईसीजीएस 'अदम्य' को शामिल कर समुद्री सुरक्षा को और मजबूत किया है। यह पोत अदम्य श्रेणी के आठ तीव्र गश्ती पोत (Fast Patrol Vessel – FPV) श्रृंखला का पहला जहाज है। 51 मीटर लंबा यह पोत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।

आईसीजीएस अदम्य में 60% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पोत भारतीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ हमारे समुद्री क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अहम योगदान देगा।

इस पोत का औपचारिक कमीशनिंग समारोह रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव (एएफ एवं नीति) श्री सत्यजीत मोहंती द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यालय ईस्टर्न सीबोर्ड के चीफ ऑफ स्टाफ, इंस्पेक्टर जनरल योगिंदर ढाका, और केंद्र व राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

आईसीजीएस अदम्य की तैनाती ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर होगी और इसका संचालन आईसीजी जिला मुख्यालय संख्या-7 (ओडिशा) के अधीन कमांडर, भारतीय तटरक्षक क्षेत्र (पूर्वोत्तर) द्वारा किया जाएगा। पोत पर पांच अधिकारी और 34 कर्मी तैनात रहेंगे। पोत का नाम 'अदम्य', जिसका अर्थ 'अविजेय' होता है, भारतीय तटरक्षक बल की अटूट प्रतिबद्धता और समुद्री हितों की रक्षा की भावना का प्रतीक है। आईसीजीएस अदम्य न केवल समुद्री क्षेत्रों की सतत निगरानी करेगा, बल्कि तटरक्षक बल के चार्टर में निर्दिष्ट अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करेगा। इससे भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा में नई मजबूती आएगी।

तकनीकी विवरण और विशेषताएँ:

आईसीजीएस अदम्य का भार विस्थापन लगभग 320 टन है और यह दो 3000 किलोवाट के डीजल इंजनों से संचालित होता है। इसकी अधिकतम गति 28 नॉट है, जबकि सामान्य परिचालन पर यह पोत लगभग 1500 नॉट की दूरी तय कर सकता है, जिससे लंबी समुद्री यात्राओं और निरंतर गश्ती में स्थिरता सुनिश्चित होती है। यह पोत तकनीकी दृष्टि से खास है क्योंकि यह पहला ऐसा जहाज है जिसमें स्वदेशी विकसित दो नियंत्रणीय पिच प्रोपेलर और गियरबॉक्स लगाया गया है। इस उन्नत तकनीक के कारण अदम्य पोत को समुद्र में बेहतर गतिशीलता, उच्च परिचालन लचीलापन और अधिक प्रदर्शन क्षमता प्राप्त होती है, जो इसे कठिन समुद्री परिस्थितियों में भी प्रभावी और भरोसेमंद बनाती है।

हथियार और सुरक्षा प्रणाली:

आईसीजीएस अदम्य में उच्च क्षमता वाले हथियार और सुरक्षा प्रणालियाँ स्थापित हैं, जो इसे समुद्र में संभावित खतरों से निपटने में सक्षम बनाती हैं। इस पोत में 30 मिलीमीटर की CRN-91 गन लगी है, जो बड़े और मध्यम आकार के जहाजों या संभावित खतरे के स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा, पोत पर दो 12.7 मिलीमीटर की रिमोट-नियंत्रित मशीन गन भी हैं, जिन्हें आधुनिक नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से संचालित किया जाता है। ये उन्नत हथियार और सिस्टम पोत को समुद्र में सुरक्षा, सतर्कता और तेजी से प्रतिक्रिया क्षमता प्रदान करते हैं, जिससे यह तटरक्षक बल की निगरानी और बचाव अभियानों में प्रभावी भूमिका निभा सके।

अन्य उन्नत सुविधाएँ:

·         एकीकृत ब्रिज सिस्टम

·         प्लेटफार्म प्रबंधन सुविधा

·         स्वचालित ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली

उच्च परिचालन दक्षता और स्वचालन

आईसीजीएस अदम्य भारतीय तटरक्षक बल की समुद्री निगरानी, खोज एवं बचाव, आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण और समुद्री संसाधनों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह पोत न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक है, बल्कि इसके शामिल होने से भारत के समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा और प्रभावशीलता में भी वृद्धि होगी।

The News Grit, 20/09/2025

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