भारत से अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं अब काफी समय के बाद फिर से शुरू होने जा रही हैं। इस संबंध में डाक विभाग ने घोषणा की है कि नई व्यवस्था के तहत यह सेवाएं 15 अक्टूबर 2025 से बहाल की जाएंगी। इसमें ईएमएस (स्पीड पोस्ट), एयर पार्सल, पंजीकृत पत्र/पैकेट और ट्रैक किए गए पैकेट जैसी सभी सेवाएं शामिल होंगी।
क्यों रुकी थीं डाक सेवाएं?
अमेरिकी
प्रशासन द्वारा जारी कार्यकारी आदेश 14324
के बाद, भारत से अमेरिका के लिए डाक सेवाओं को 22 अगस्त 2025 से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया
था। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि अमेरिका के कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग
ने आयात शुल्क और नियामक प्रक्रियाओं के लिए नई तकनीकी आवश्यकताएँ लागू की थीं। इन
आवश्यकताओं के चलते भारतीय डाक को अपनी प्रणाली में बदलाव कर उन्हें CBP के मानकों के अनुरूप बनाना पड़ा।
क्या
बदला अब?
पिछले कुछ
महीनों में भारतीय डाक विभाग ने व्यापक तकनीकी सुधार,
प्रणाली विकास और CBP द्वारा अनुमोदित योग्य
पक्षों (Approved Qualified Parties) के साथ समन्वय किया है।
दिल्ली और महाराष्ट्र सर्किलों में सफल परीक्षणों के बाद अब विभाग ने “डिलीवरी
ड्यूटी पेड” प्रणाली को लागू कर दिया है।
इस नई
व्यवस्था के तहत, अमेरिका भेजे जाने
वाले सभी पार्सलों पर लागू सीमा शुल्क अब भारत में ही बुकिंग के समय अग्रिम रूप से
वसूल किया जाएगा। इसके बाद यह शुल्क सीधे CBP को ट्रांसफर कर
दिया जाएगा। इससे अमेरिकी सीमा पर किसी तरह की देरी, अतिरिक्त
शुल्क या जटिलता की स्थिति नहीं बनेगी।
तेज
और पारदर्शी प्रक्रिया
नई DDP
प्रणाली से अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों और निर्यातकों को बड़ा लाभ
मिलेगा। अब वे भारत में ही सभी करों और शुल्कों का भुगतान करके पार्सल भेज सकेंगे,
जिससे
·
पूरी प्रक्रिया
पारदर्शी हो जाएगी,
·
कुल लागत का अनुमान
पहले से लगाया जा सकेगा, और
·
अमेरिकी ग्राहकों को
बिना रुकावट, तेज और विश्वसनीय डिलीवरी मिलेगी।
सीमा
शुल्क और शुल्क संरचना
CBP के
दिशानिर्देशों के अनुसार, भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले
सभी डाक शिपमेंट पर अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के अंतर्गत घोषित एफओबी (FOB) मूल्य का 50% सीमा शुल्क के रूप में वसूल किया जाएगा। हालांकि, यह
ध्यान देने योग्य है कि डाक माध्यम से भेजे गए सामानों पर कोई अतिरिक्त
उत्पाद-विशिष्ट शुल्क नहीं लगेगा, जैसा कि कूरियर या
वाणिज्यिक खेपों में होता है।
यह अनुकूल
शुल्क प्रणाली भारत के एमएसएमई (MSME), कारीगरों,
छोटे व्यापारियों और ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए बेहद फायदेमंद
साबित होगी। इससे डाक माध्यम अब एक किफायती और प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स विकल्प बन
जाएगा।
डाक
विभाग की नई सुविधा बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के
महत्वपूर्ण
बात यह है कि भारतीय डाक ने DDP प्रक्रिया और
“योग्य पक्ष” सेवाओं के लिए ग्राहकों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेने का निर्णय
लिया है। सभी डाक सेवाओं की दरें पहले जैसी ही रहेंगी, जिससे
निर्यातकों को अमेरिका की नई आयात आवश्यकताओं का अनुपालन करते हुए भी कम लागत पर
पार्सल भेजने की सुविधा मिलती रहेगी। डाक विभाग का यह कदम सेवाओं को किफायती बनाए
रखने, एमएसएमई को समर्थन देने, और भारत
के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ग्राहक
कैसे लाभ उठा सकते हैं?
अब ग्राहक
किसी भी डाकघर, अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र (IBC)
या डाकघर निर्यात केंद्र (DNK) से अमेरिका के
लिए अपना पार्सल या पैकेट बुक कर सकते हैं। इसके साथ ही, भारतीय
डाक का स्वयं सेवा पोर्टल (www.indiapost.gov.in) भी इन सभी
सेवाओं के लिए खुला है। इससे व्यवसायियों और उद्यमियों को अपने स्थान से ही पार्सल
भेजने की डिजिटल और सुविधाजनक सुविधा मिलेगी।
भारत
के लिए एक बड़ा कदम
संयुक्त
राज्य अमेरिका के लिए डाक सेवाओं की यह बहाली भारत के अंतरराष्ट्रीय डाक एवं
निर्यात लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
है। यह भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक भूमिका को दर्शाता है और भारत के समावेशी एवं
निर्यात-संचालित विकास दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करता है। भारतीय डाक का लक्ष्य
सिर्फ देश के भीतर सेवाएं देने का नहीं, बल्कि
भारत के उत्पादों को दुनिया तक तेजी, सटीकता और किफायत के
साथ पहुँचाने का भी है। इस नई प्रणाली से
यह स्पष्ट होता है कि भारतीय डाक अब वैश्विक व्यापार के युग में “विश्वसनीय,
पारदर्शी और सशक्त निर्यात चैनल” के रूप में उभर रहा है।
The News Grit, 15/10/2025

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